हमीरपुर,ऊषा चंदेल :- पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू जनता को गुमराह करने के लिए आए दिन अपना स्टैंड बदलते रहते हैं। कभी वह आर्थिक संकट का हवाला देकर सरकारी कर्मचारियों के भत्ते और एरियर रोक लेते हैं तथा विकास कार्यों पर भी विराम लगा देते हैं तो राष्ट्रीय मीडिया में अपनी फजीहत होती देखकर मुख्यमंत्री प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने का दावा करने लगते हैं।
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि जिस दिन से मुख्यमंत्री सुक्खू कुर्सी पर बैठे हैं, उस दिन से वह प्रदेश का खजाना खाली होने का राग अलाप रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों के सारे वित्तीय लाभ उन्होंने रोक रखे हैं। प्रदेश में दो तीन विधानसभा क्षेत्रों को छोड़कर बाकी विधानसभा क्षेत्रों में विकास का पहिया पूरी तरह जाम हो गया है। मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट, सीपीएस , कांग्रेस विधायको और निगम बोर्ड के अध्यक्षों का दो माह का वेतन लंबित करने का फरमान तक जारी कर चुके हैं।
लेकिन पिछले कल मुख्यमंत्री एकदम से अपने बयान से पलटते हुए कह रहे हैं कि आर्थिक स्थिति खराब नहीं है । राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार बयान बदलकर अपने वित्तीय कुप्रबंधन और असफलताओं पर पर्दा नहीं डाल सकते। उन्होंने कहा कि बिल्ली अब थैली से बाहर आ चुकी है और सुक्खू सरकार की व्यवस्था की ढोल की पोल खुल चुकी है। राजेंद्र राणा ने सवाल उठाया कि अगर प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत है तो नौजवानों को नौकरियां क्यों नहीं दी जा रही। प्रदेश की 18 साल से ऊपर की सभी महिलाओं को कांग्रेस सरकार अपने चुनावी वायदे के मुताबिक 1500 का मासिक भत्ता क्यों नहीं दे रही। 300 यूनिट बिजली फ्री देने का अपना वायदा पूरा करने से सरकार क्यों पीछे हट गई है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि सुक्खू सरकार ने प्रदेश को कर्ज की दलदल में बुरी तरह धकेल दिया है और लोन पर लोन लिए जा रही है। सुक्खू सरकार के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के खजाने की हालात इसलिए खस्ता हुई है क्योंकि मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने मित्रों में प्रदेश का खजाना लुटा दिया है।