धर्मशाला,राकेश कुमार :-
किसानों को समृद्ध और सक्षम बनाने को सरकार वचनबद्ध : आशीष बुटेल,महिला किसान दिवस पर सीपीएस ने सम्मानित की 16 प्रगतिशील महिला किसान,प्रदेश के किसानों को समृद्ध और सक्षम बनानें के लिये हिमाचल सरकार कृषि क्षेत्र को अधिक विकसित करने पर जोर दे रही है।
मुख्य संसदीय सचिव शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल मंगलवार को कृषि विभाग द्वारा आयोजित महिला किसान दिवस पर प्रगतिशील महिला सम्मान कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर सीपीएस ने ज़िला कांगड़ा के 16 विकास खंडों में एक-एक प्रगतिशील महिला किसान को पुरस्कृत किया गया। जिन्होंने प्राकृतिक खेती को अपना कर मिशाल पेश की है।आशीष ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आतमा) द्वारा आयोजित महिला किसान गोष्ठी के लिए बधाई दी और प्रगतिशील महिला किसानों को प्राकृतिक खेती को अपना कर उदाहरण पेश करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह हर्ष की बात है कि अन्य किसानों को भी यह महिला किसान प्राकृतिक खेती के लिये प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत का पैसा किसानों की ही जेब में ही जाये, इसके लिये सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के स्थाई हल के लिये प्रयास जारी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 70 प्रतिशत के करीब महिलाएं खेती-बाड़ी के कार्य में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं और इसमें कृषि क्षेत्र भी शामिल है।बुटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को इस ओर प्रेरित करने के लिये प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना आरंभ की है। इसमें गेहूं 40 रुपये प्रति किलो और मक्के की 30 रुपये प्रति किलो खरीद कीमतों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दूध खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने वाला देश का पहला राज्य है।उन्होंने कहा कि किसी भी देश का किसान समृद्ध होगा, तो वह राष्ट्र भी समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार कृषि को छोड़ चुके लोगों को फिर कृषि से जोड़ने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं को आरंभ कर गंभीरता से कार्य कर रही है।उन्होंने कहा कि लोग खेती-बाड़ी शौक और जरूरत के अनुसार करतें हैं। कृषि में समृद्धता के लिए प्रशिक्षण तथा शिक्षण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समय -समय पर किसानों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के साथ साथ किसानों के भ्रमण कार्यक्रम आयोजित कर खेती के उत्तम तकनीक की जानकारी भी उपलब्ध।करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को भी कृषि का ज्ञान हो, इसके लिये स्कूलों में
व्याकल्पिक विषय के रूप में कृषि विषय को आरंभ किया गया है और अगले वर्ष से बागवानी विषय को भी आरंभ करने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को बीजों, प्रदर्शन और प्रशिक्षण के लिए काफी धन उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को घरद्वार कृषि विभाग की योजनाओं के लाभ सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने कहा कि यह हर्ष की बात है कि जिला कांगड़ा में 7966 हेक्टेयर क्षेत्र में 40 हजार किसान प्राकृतिक खेती को अपनाया है। उन्होंने कहा कि पालमपुर विधान सभा क्षेत्र में भी 334 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा रही है और दो हजार से अधिक किसान इस कार्य में लगे हैं।