धर्मशाला:- हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी एवं पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया कोर्डिनेटर रहे एडवोकेट विश्व चक्षु ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से केंद्रीय योजनाओं के तहत प्रदान किए जा रहे बजट को ही नहीं खर्च पा रही है। कैग रिपोर्ट ने प्रदेश की सुक्खू सरकार की पोल पूरी तरह से खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि चार हज़ार करोड़ की केंद्रीय परियोजनओं में से 2700 करोड़ के करीब राशि खर्च ही नहीं की जा चुकी। इससे सुक्खू सरकार के कुप्रबंधन की पोल पूरी तरह से खुलकर सामने आ रही है। एडवोकेट चक्षु ने कहा कि 4243 करोड़ के 4106 यूटिलाईजेशन सर्टिफिकेट ही सरकार की ओर से जमा नहीं करवाए गए। पूर्व मीडिया कोर्डिनेटर (मुख्यमंत्री) ने कहा कि कैग रिपोर्ट सामने आने के बाद अब सीएम सुक्खू को आनन-फानन में बैठक करने पड़ रही है, जिसमें केंद्रीय परियोजनाओं को धरातल पर उतारने व उनकी स्वीकृत राशि को खर्च करने के दिशा-निर्देश जारी करने पड़ रहे हैं। जबकि पिछले दो सालों से राज्य को आर्थिक तंगी के रोने की आवाज ही सुनाई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि आजकल मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ग्रामीणों-किसानों व पशुपालकों को साधने के लिए दुग्ध संयत्र ढग़वार के कार्य को शुरू करने का राग अलाप रहे हैं। जबकि उक्त दुध संयत्र के लिए केंद्र सरकार की ओर से बजट प्रदान किया गया है, जोकि देश भर में बनाए जा रहे हैं। इसके चलते ही केंद्र सरकार की ओर से 250 करोड़ की राशि दुग्ध संयत्र को भी केंद्र से प्रावधान किया गया है। वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश को जारी 500 करोड़ से अधिक बजट में से धर्मशाला के हिस्से के 30 करोड़ न जमा करवाए जाने के कारण लटकाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश भाजपा मीडिया सह-प्रभारी एडवोकेट विश्व चक्षु ने कहा कि राज्य के वित्त पर नियंत्रक और महालेखाकार कैग की रिपोर्ट सामने आ गई है। इसमें राज्य के वित्तिय कुप्रबंधन को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र परियोजित परियोजनाओं के तहत हिमाचल प्रदेश को जारी किए गए 3622 करोड़ में से 2723 करोड़ 31 मार्च 2023 तक व्यय ही नहीं हो पाए थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न अनुदानों के तहत उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की स्थिति में भी भारी अनियमितताएं सामने आई है। विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत 4243 करोड़ के करीब राशि के 4106 यूटिलाईजेशन सर्टिफिकेट ही जमा नहीं करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार के व्यवस्था पतन के दौर में कई केंद्रीय परियोजनाएं धरातल पर सूचारू रूप से नहीं उतर पा रही हैं, जिसके चलते राशि ही खर्च नहीं हो पाई रही है।