शिमला,टीना ठाकुर:- चेतन बरागटा के आरोपों पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का पलटवार, बोले चेतन राजनीतिक कुंठा से ग्रस्त तथ्यहीन और अमर्यादित बयानबाजी बन गया है व्यक्तित्व का हिस्सा हिमाचल सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के निर्वाचन क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई में भाजपा ने प्रदेश सरकार पर अराजकता फैलाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. बीते दिनों इसको लेकर भाजपा ने विरोध जताते हुए जुब्बल कोटखाई में धरना प्रदर्शन भी किया. साल 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे प्रदेश भाजपा प्रवक्ता चेतन बरागटा ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर
पर निर्वाचन क्षेत्र में अराजक तत्वों को शय देने और जंगल राज को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगाए. इस पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा की चेतन बरागटा के आरोप निराधार हैं. तथ्यहीन बयानबाजी और मर्यादा से बाहर जाकर बोलना चेतन बरागटा के व्यक्तित्व का हिस्सा बन गया है. रोहित ठाकुर ने चेतन बरागटा के आरोपों को लेकर उनकी तुलना कंगना रनौत से की है और उनके आरोपों को गंभीरता से न लेने की बात कही है. हिमाचल सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने चेतन बरागटा पर हमला बोलते हुए कहा कि 2022 चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे चेतन बरागटा व्यक्तित्व राजनीतिक कुंठा से ग्रसित हो गया है. उन्होंने कहा कि तथ्यहीन बयान बाजी और मर्यादा से बाहर जाकर बोलना उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन गया है. रोहित ठाकुर ने भाजपा प्रवक्ता चेतन बरागटा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो मामला संज्ञान में लाया जा रहा है. वह बच्चों और कुछ मजदूरों की आपसी लड़ाई का मामला है उसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति के लिए बहुत किसी भी स्तर पर जा सकते हैं. रोहित ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हीं लोगों ने गुड़िया कांड के समय पुलिस स्टेशन में आग लगाने का काम किया. इस दौरान रोहित ठाकुर ने चेतन बेटा की तुलना कंगना रनौत से करते हुए कहा कि वह उनके बयानों को अब गंभीरता से नहीं लेते हैं.
वहीं इस दौरान प्रदेश में स्कूलों के मर्जर और 6 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को दाखिला देने के मामले पर रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. प्रदेश में भी चरणों तरीके से शिक्षा स्तर बढ़ने के लिए स्कूलों का मर्जर किया जा रहा है इसमें पहले चरण में एक और दूसरे चरण में दो से तीन बच्चों से काम की स्ट्रेंथ वाले स्कूलों को मर्ज किया गया. अगले चरण 5 से कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों को मर्जर किया गया. आने वाले समय में भी यह क्रम जारी रखा जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दाखिला देने के मामले में आए हाई कोर्ट के निर्णय पर रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वेच्छा से छात्रों का दाखिला नहीं रोका उन्होंने कहा की नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत यह किया गया. रोहित ठाकुर ने कहा कि विभाग उच्च न्यायालय के आदेशों की समीक्षा करके मामले पर नीति निर्धारण करेगा.