बिलासपुर,सुरेन्द्र जम्वाल:- देश के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की 80वीं जयंती के उपलक्ष पर बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल के लोक निर्माण विभाग रेस्ट हाउस भराड़ी में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के टीसीपी, हाउसिंग व तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने की. वहीं कार्यक्रम कर दौरान राजेश धर्मानी ने स्वर्गीय राजीव गांधी की फोटो पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया, जिसके बाद भराड़ी व आस पास के ईलाकों से सम्बंधित ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी. वहीं इस दौरान कैबिनेट मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति के नायक पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की आज 80वीं जयंती है और देश के विकास में अहम भूमिका अदा करते हुए उन्होंने समाज के कमजोर व पिछड़े वर्ग को आगे लाने के लिए आरक्षण बिल को लोकसभा में पारित करवाया था जिसकी
बदौलत आज पिछड़ा व कमजोर वर्ग के लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि दलबदल विरोधी कानून बनाना, 18 वर्ष के युवाओं को मतदान का अधिकार, जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना जैसी दूरदर्शी सोच की बदौलत ही आज देश का चहुमुखी विकास संभव हुआ है. वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा कम व बिना छात्रों वाले सरकारी स्कूलों को बंद कर अन्य स्कूलों में मर्ज करने के निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा सवाल खड़े करते हुए मंत्रियों व सीपीएस पर करोड़ों रुपये खर्च करने वाली व संस्थानों को बंद करने वाली सरकार करार देने के बयान पर राजेश धर्मानी ने पलटवार करते हुए प्रदेश की बदहाल स्थिति व सरकारी स्कूलों का बेड़ागर्क करने के
पीछे पूर्व भाजपा सरकार को जिम्मेवार ठहराया है. राजेश धर्मानी का आरोप है कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 12 हजार शिक्षकों के पद खाली थे जबकि वर्ष 2003 में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 6 लाख छात्र थे जिनकी संख्या पूर्व भाजपा सरकार में घटकर 2.50 लाख तक पहुंच गयी थी और गुणवक्ता की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश 21वें पायदान पर जा पहुंचा था इसलिए वर्तमान सरकार का प्रयास है कि छात्रों को चहुमुखी विकास हो और शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश आगे बढ़े इसलिए यह जरूरी है कि जिन स्कूलों में छात्रों की काफी कम संख्या है या ना के बराबर है उन स्कूलों को मर्ज कर अन्य स्कूलों में छात्रों की संख्या को बढ़ाया जा सके ताकि ग्रुप एक्टिविटी में भी ग्रामीण इलाकों का छात्र आगे बढ़ सके व आवश्यक रूप से सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ाने के बजाए स्कूलों में छात्रों की संख्या को बढ़ाया जा सके और उन्हें बेहतरीन शिक्षा प्रदान हो सके.