ऊना,ज्योति स्याल:-
ऊना:प्रदेश सरकार सेवारत कर्मचारियों व पैंशनर्ज के साथ अलग-अलग व्यवहार कर रही है। सरकार ने पहली तारीक को कर्मचारियों को वेतन तो दे दिया है, लेकिन सेवानिवृत कर्मचारियों को पैंशन नहीं मिल पाई है। सरकार ने सेवानिवृत कर्मचारियों को हर महीने की 9 तारीक को पैंशन देने का निर्णय लिया है, जोकि उचित नहीं है। यह बात भाजपा सेवानिवृत कर्मचारी प्रकोष्ठ के संयोजक राजीव वशिष्ट ने मंगलवार को जारी प्रेस बयान में कहीं। राजीव वशिष्ट ने कहा कि सरकार सेवानिवृत कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने पैंशनर्ज को सितंबर माह की पैंशन नौ अक्तूबर 2024 को देने के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय को लेकर हिमाचल के पैंशनर्ज में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पैंशनर्ज अक्तूबर माह के पहले सप्ताह सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रैली निकाल रहे है, जिसका वह समर्थन करते है। सरकार के पास कर्मचारियों व सेवानिवृत कर्मचारियों को देने के लिए वेतन व पैंशन नहीं है, लेकिन सरकार बेफिजुल खर्चा करने से पीछे नहीं रह रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार कर्मचारियों व सेवानिवृत कर्मचारियों को 10 तारीक को वेतन व पैंशन मिल रही है। इसके अलावा सरकार सेवानिवृत कर्मचारियों के एरियर, लीव इन कैशमेंट, ग्रेच्युटी व कम्युटेशन नहीं दे रही है। सरकार सेवानिवृत कर्मचारियों के करोड़ों रुपयों पर कुंडली मारकर बैठी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार व जनता के बीच कड़ी का काम करते है। सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते है, लेकिन सरकार कर्मचारियों का उत्पीडऩ करने में लगी है।राजीव वशिष्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार बार-बार झूठ बोल रही है सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक है। प्रदेश में कोई भी आर्थिक संकट नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आर्थिक स्थिति ठीक है तो कर्मचारियों व सेवानिवृत कर्मचारियों का वेतन व पैंशन पहली तारीके से क्यों नहीं दी जा रही है? उन्होंने कहा कि सरकार लगातार झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार 1-1-2016 से लेकर 31-01-2022 तक सेवानिवृत हुए कर्मचारियों के संशोधित वित्तीय लाभ रोक कर बैठी है। सरकार केवल अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए मुफ्त की रेवडिय़ां बांट रही है।