Thursday, October 3, 2024
Google search engine
HomeUna Newsब्रह्मकुमारीज ऊना केंद्र के तत्वावधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन...

ब्रह्मकुमारीज ऊना केंद्र के तत्वावधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ


ऊना,ज्योति स्याल :-प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय, केन्द्र जिला ऊना ।


ब्रह्मकुमारीज ऊना केंद्र के तत्वावधान में आज तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बनगढ़ स्थित जिला सुधार गृह में सजा काट रहे व विचाराधीन कैदियों के लिए प्रारम्भ हुआ । इस कार्यक्रम में जिला ब्रह्मकुमारीज केंद्र की प्रमुख बी के आशा दीदी, मैहतपुर से ब्रह्मकुमारीज बी के बबिता बहन, बी के अवदेश भाई, उनकोफैड के चेयरमैन बी के राजेन्द्र शर्मा ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला ऊना केंद्र की प्रमुख आशा दीदी ने में उपस्थित दो सौ से अधिक कैदियों को आंतरिक व्यक्त्ति के विकास हेतू मूल्यों के विकास में एकाग्रता को जीवन में सिद्ध करने के लिए योग बल का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि जहाँ एकाग्रता होती है उससे आपकी संकल्पों की सिद्धि हो जाती है। व्यर्थपन समाप्त हो जाता है। भटकती हुई बुध्दि व चंचल मन को एकाग्रता की शक्ति अनेक व्याधियों सें मुक्ति प्रदान हो जाती है। इसलिए एकाग्रता का वर् लों। इस शक्ति से एकाग्रता सें मन बुद्धि की हल चल समाप्त होकर अनुकूल वायुमंडल बनता हैं।


ब्रह्मकुमारीज बबिता बहन ने अपने सम्बोधन में सहयोग विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सहयोग से सुखमय संसार बनाने में सहयोग के सूत्र को अपनाने से सहयोग स्वायत्ता मिलता हैं। सहयोगी वृति कों सशक्त बनाकर एक दूसरे को निस्वार्थ लाभ दें। जरूरत के वक्त सहयोग देने के सम्बथों में सुधार होता है। निस्वार्थ वृति से सफलता प्राप्त होती है। श्रेष्ठ कार्य मेंएवं विश्व कल्याण में में सहयोग देना हरेक की जिम्मेदारी हैं। कभी कभी अपमान व निंदा भी सहनी पड़ती हैं। वृति में शुभ भावना और प्रेम हो, अपकारी पर उदारता से क्षमा कर उपकार करने की दृष्टि होनी चाहिए । ब्रह्मकुमार अवदेश भाई ने दृढ़ता व अनुशासन के विषयों पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि अपने संकल्पों में दृढ़ता का गुण शुभ कार्यों के लिए अपनी मंजिल पर पहुंचा देता है। विजय बनने के लिए तीन बातों सदा याद रखों – निर्भय बनना, दृढ़ निश्चय रखना तथा सेवा कार्य में श्रेष्ठ नशे रहना। दृढ़ प्रतिज्ञा कर अपने जीवन में श्रेष्ठ परिवर्तन लाना है। अनुशासन जीवन से हमारी कथनी व करनी समान होने से हमारी समाज में विश्वसनीयता प्रतिष्ठा बनती हैं। अनुशासन से ही विनम्रता से कार्य करने का गुण का विकास होता है।


अंत में नशा मुक्ति पर विस्तार से चर्चा में ब्रह्मकुमारीज़ बहन बबिता ने नशों की बुरी आदतों के कुप्रभाव व उसके निवारण बारे विभिन्न उपायों व साधनों को अपनाने को सहजता से अपनाने पर अमल मे लाने का संकल्प लिया। सभी लोगों को सहज राजयोग की मैडीटेशन से उनको अपनी परम शांति की अवस्था से जीवन को अपने लिए, परिवार व समाज के लिए सार्थक बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया। समापन सत्र पर ब्रह्मकुमारीज बहनों ने सुधार गृह के उप अधीक्षक जगजीत चौधरी व जेल स्टाफ के सराहनीय सहयोग के लिए साधुवाद दिया तथा उनके इस सहयोग से सुधार गृह में बंद सभी लोगों में ईश्वरीय कृपा सें उनका जीवन सुखमय और पवित्र बनाने के लिए शुभकामनाएं दी। उप अधीक्षक महोदय ने ब्रह्मकुमारीज बहनों का आभार प्रकट किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!