सिरमौर,जीडी शर्मा :-शात के लिए पांच क्विंटल फूलों से सजेगा चूड़धार का शिरगुल मंदिर, 30 से 40 हजार तक श्रद्धालुओं आने की संख्या पर्यावरण एवं स्वच्छता पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
लोगों ने मंदिर पर लगने वाले सात कुरुड़ उठाकर पहुंचाए कालाबाग
12 पालकियां पहुंचेगी चूड़धार 11 अक्टूबर को 11 बजे से लेकर एक बजे के बीच कुरुड़ स्थापित होगा। इस दौरान क्षेत्र से शिरगुल महाराज की 12 पालकियां चूड़धार आएगी। चूड़धार में मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य पिछले 25 वर्षों से किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण कार्य अब पूरा हो चूका है। मंदिर में लकड़ी की अदभुत नक्काशी की है।उत्तर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में शुमार चूड़धार के शिरगुल मंदिर में 11 अक्टूबर को धार्मिक अनुष्ठान शांत का आयोजन किया जाएगा। अनुष्ठान में 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है। शांत का आयोजन चूड़ेश्वर सेवा समिति के अलावा कुपवी नेरवा, हामल चौपाल परगने की दर्जनों पंचायतों के लोगों की ओर से करवाया जा रहा है। इन दिनों अनुष्ठान की तैयारियां जोरों से चल रही है। चूड़धार के शिरगुल मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। मंदिर को सजाने के लिए पांच क्विंटल फूल मगाए गए है। सजावटी पर करीब एक लाख 25 हजार की राशि खर्च की जा रही है। अनुष्ठान के लिए बनने वाले भोजन के लिए बर्तनों की व्यवस्था चूड़ेश्वर समिति की ओर से की जा रही है। समिति ने बर्तनों की खरीदारी कर ली है। यूं तो समिति के पास चूड़धार में हजारों कंबल है, मगर अनुष्ठान में श्रद्धालुओं को ठहरने में दिक्कत न हो इसलिए इस आयोजन के लिए समिति लगभग 1000 नए कंबलों की खरीदारी कर रही है।समिति कंबलों की खरीदारी पर लगभग 5 से 6 लाख तक खर्च कर रही है।
शांत महायज्ञ के दौरान कार सेवकों के लिए लगभग ढाई हजार से अधिक पर्ने बनाए जा रहे हैं जिसका अनुमानित खर्च लगभग 75000 है। केंद्रीय समिति की ओर से सभी वॉलंटियर्स और कार सेवकों के लिए पहचान पत्र भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।चूड़धार मे यह धार्मिक अनुष्ठान करीब 50 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है। अनुष्ठान में शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के अलावा पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से करीब 30 हजार से अधिक श्रद्धालु शिरकत कर सकते है। यदि मौसम साफ रहा तो आंकड़ा 40 हजार भी पार कर सकता है।गोरतलव है कि चूड़ेश्वर सेवा समिति अध्यक्ष जोगेन्द ठाकुर व पर्यावरण प्रेमी स्वर्गीय किकंरी देवी पार्क समिति के अध्यक्ष विजय कुमार ने यात्रियों और श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वह पर्यावरण की रक्षा तथा स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखें