बंगाणा, जोगिंद्र देव आर्य:- डॉ राजकुमार की रही है। कुटलैहड़ व प्रदेश में शिक्षा विद आमजन उनके नाम से अपरिचित नहीं है । फिर भी उनके कार्य व परिचय डॉ राजकुमार मूलत गांव कैहलमी, डाकघर तनोह, तहसील बना बंगाना जिला ऊना हिमाचल प्रदेश में रखते हैं I आपका जन्म 25 में 1980 को हुआ I आपके पिताजी का नाम श्री छोटू राम और माता का नाम प्रीतो देवी है I आपके पिताजी भाखड़ा बांध विस्थापित परिवार से संबंध रखते थे I उनका संबंध ग्राम पंचायत ढियुगली के गांव धरेत से था I भाखड़ा बांध निर्माण के बाद वर्ष 1966 में छोटू राम अपने परिवार को लेकर गांव कैहलमी में बस गए थे I अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले छोटू राम को अपने परिवार को नई जगह बसाने और पांच बच्चों की शिक्षा आदि का प्रबंध करने में काफी कठिनाइयों रही I मजदूरी परिवार की आय का एकमात्र साधन था इसलिए यह परिवार घर की सबसे बड़ी बेटी रचना देवी को मात्र दो वर्ष विद्यालय भेज सका I लेकिन बाद में एक जागरूक गृहणी के रूप में माता प्रीतो देवी ने अपने दोनों पुत्रों बलवंत सिंह, राजकुमार और पुत्री सोमा देवी और माया देवी को शिक्षा दिलाने में सहयोग दिया I डॉ राजकुमार ने दसवीं तक की शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लठयाणी से वर्ष 1996 में प्राप्त की I तत्पश्चात घर में नियमित आर्थिक आय साधन न होने के कारण 3 वर्षों तक जिला सोलन में अस्थाई रूप में निजी क्षेत्र में कार्य किया I वर्ष 1999 में प्राइवेट विद्यार्थी के रूप में 12वीं की परीक्षा पास की I तत्पश्चात शिक्षा को जारी रखने के लिए मजदूरी करके धन की व्यवस्था की और 1999 से 2002 सत्र में राजकीय महाविद्यालय उन्ना में नियमित विद्यार्थी के रूप में कला स्नातक की शिक्षा पूर्ण की I तत्पश्चात 2003 में डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से B.Ed की I
वर्ष 2006 में पिता की मृत्यु के बाद कठिन परिस्थिति में हारना मानी और 2006 के उपरांत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से MA History, M.Phil History और Ph.D की उपाधियां प्राप्त की I साथ ही यूजीसी NET और SET की परीक्षाएं भी पास की I इस दौरान पढ़ाई का सारा खर्च बैंक से उधार और स्वयं कं कमाकर व्यवस्था की I वर्ष 2005 से 2010 तक का सरकारी क्षेत्र की नौकरियों में 15 से ज्यादा परीक्षाएं उत्तीर्ण की I अगस्त 2010 में शिक्षा विभाग में बतौर टीजीटी नियुक्ति प्राप्त कीI नवंबर 2010 में प्रवक्ता इतिहास पद पर चयन हुआ और 3 साल 4 महीने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक का विद्यालय मंदली जिला ऊना में सेवाएं दी Iमार्च 2013 में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग शिमला द्वारा इतिहास विषय में सहायक प्रोफेसर पद पर चयन हुआ और 7 वर्षों तक प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालय में सेवाएं दी Iदिनांक 23 जून 2021 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर पत्र नियुक्ति और वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्र केंद्र धर्मशाला में कार्यरत हैं I डॉ राजकुमार की 17 वर्षों के शिक्षण करियर में शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां रही हैं I सामाजिक क्षेत्र मैं योगदान
आप 4 वर्षों तक राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी रहे और 3 वर्षों तक हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय सेवा योजना की राज्य स्तरीय राज्य सलाहकार समिति के सदस्य रहे I वर्ष 2012 से 2014 तक आप एन एस एस जिला ऊना के जिला प्रभारी भी रहे I
अपने एन एस एस के राज्य स्तरीय दो मेगा शिविरों में जिला ऊना प्रभारी और मास्टर ट्रेनिंग के रूप में सेवाएं दीI वर्ष 2012 में राज्य स्तरीय युवा नेतृत्व शिविर का आयोजन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक का विद्यालय मंदली में करवाया I अपने राज्य स्तरीय युवा नेतृत्व शिवरों में नौ शिवरों में मुख्य वक्ता के रूप में NSS स्वयंसेवकों का पर्यावरण संरक्षण, नशा विरोधी और सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में मार्गदर्शन किया I वर्ष 2023 में राष्ट्रीय एकता शिविर में देशभर के NSS स्वयंसेवकों का पर्यावरण संरक्षण हेतु मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रायपुर मैदान जिला उन्ना में मार्गदर्शन किया I शोध कार्य एवं शैक्षिक जागरूकता योगदान डॉ राजकुमार ने ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों का उच्च शिक्षा हेतु सहयोग एवं मार्गदर्शन किया I आपके मार्गदर्शन में दर्जनों छात्र-छात्राएं सरकारी एवं उच्च प्रतिष्ठित निजी संस्थानों में नियुक्ति प्राप्त कर चुके हैं Iपुस्तकें प्रकाशित और शोध पत्र डॉ राजकुमार की दो संपादित पुस्तक और 14 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध जनरल में प्रकाशित हो चुके हैं I आपके मार्गदर्शन में 20 शोधार्थी इतिहास विषय में स्नातकोत्तर उपाधि हेतु PG Dissertation कार्य कर चुके हैं और तीन शोधार्थी आपकी मार्गदर्शन में Ph.D कर रहे हैं Iडॉ राजकुमार ने वर्ष 2022 में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से अनुमोदित विशेष शोध परियोजना “अनसंग हीरोज ऑफ़ फ्रीडम स्ट्रगल ऑफ़ इंडिया” मैं हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले 70 स्वतंत्रता सेनानियों का जीवन परिचय संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित करवाया I अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय इतिहास कॉन्फ्रेंस और सेमिनार अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सेमिनार डॉ राजकुमार
डॉ राजकुमार 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय इतिहास सम्मेलनों कॉन्फ्रेंस और सेमिनार में मुख्य वक्ता सत्र अध्यक्ष एवं शोध पत्र प्रस्तुतीकरण के रूप में भाग ले चुके हैं I वर्ष 2024 तक एक अंतरराष्ट्रीय, चार राष्ट्रीय एवं दो राज्य स्तरीय इतिहास विषय सेमिनार का आयोजन कर चुके हैं I हिमाचल प्रदेश में 7 से ज्यादा राजकीय महाविद्यालय और विद्यालयों में स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास और पर्यावरण जागरूकता विषय पर व्याख्यान दे चुके हैं I आपकी व्याख्यानों से हजारों विद्यार्थियों को प्रेरणा प्राप्त हुई है Iपुरस्कारडॉ राजकुमार वर्ष 2012 में राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष में राज्य स्तरीय निबंध लेखन प्रतियोगिता मैं प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं I रोटरी इंटरनेशनल जिला 3070 द्वारा अगस्त 2012 में डॉ राजकुमार को “व्यावसायिक श्रेष्ठता बहु आयामी प्रतिभा” अवार्ड 2012 से नवाजा गया है Iवर्ष 2016 में डॉ राजकुमार को मध्य प्रदेश मैं विद्या देवी श्रीवास्तव अवॉर्ड फॉर बेस्ट रिसर्च पेपर प्रदान किया गया है I वर्ष 2022 में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्री गोविंद ठाकुर ने इतिहास विषय में उत्कृष्ट शोध कार्य करने के लिए डॉ राजकुमार को दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद में नेताजी सुभाष चंद्र स्मारक राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में पुरस्कृत किया Iडॉ राजकुमार राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय विषय पर इतिहास लेखन कार्य कर रहे हैंI विगत 17 वर्षों मैं इतिहास और शिक्षा के क्षेत्र में डॉ राजकुमार ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है हजारों विद्यार्थियों में उच्च शिक्षा और शोध कार्यों के प्रति गहरी जिज्ञासा उत्पन्न की है I उन्होंने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना और स्वयं से भी संस्थाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रेरक व्याख्यान दिए राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका का उचित मार्गदर्शन किया I ग्रामीण विद्यार्थियों विशेष कर बालिकाओं को प्रोत्साहन देने में डॉ राजकुमार का विशेष योगदान है I उनका संघर्षपूर्ण जीवन और शिक्षा में योगदान समाज के लिए अत्यंत प्रशंसनीय है I उनकी शिक्षा के क्षेत्र में निष्ठावान सेवाएं अति प्रसंसनीय हैं I