Thursday, November 7, 2024
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शिवसेना की राज्य दर्जा बहाली से पूर्व मंत्रीअ मंडल विस्तार ना करने की सलाह

जम्मू,नवीन पाल:-शिवसेना की राज्य दर्जा बहाली से पूर्व मंत्रीअ मंडल विस्तार न करने की सलाह।दर्जनों ने थामा शिवसेना का दामन। जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन‌ हटाए जाने व जनता की चुनी हुई सरकार को मौका देने का स्वागत है , केन्द्र की मोदी सरकार जनमत का सम्मान व अपने वादों को पूरा करते हुए तत्काल प्रभाव से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा लौटाए, यह कहना है शिवसेना (यूबीटी) प्रदेश प्रमुख मनीश
साहनी का।

पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में आज प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने जम्मू-कश्मीर से लगभग 6 साल रहे राष्ट्रपति शासन‌ को हटाए जाने के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही केन्द्र की मोदी सरकार से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन के दौरान , जल्द व विधानसभा चुनावों के बाद राज्य का दर्जा लौटाने के वादों को तत्काल प्रभाव से पूरा करने की मांग की है। साहनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो चुकें हैं जनता‌ ने नेकां-कांग्रेस को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का मौका दिया है।इसके साथ ही नेकां-कांग्रेस गठबंधन के घोषित मुख्यमंत्री , उमर अब्दुल्ला से भी राज्य दर्जा बहाली से पूर्व अपने मंत्रीमंडल का विस्तार नहीं करने की सलाह दी गई है । साहनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दिल्ली जैसे हालात व खींचातानी की स्थिति पैदा न हो ।वहीं इस मौके पर समाज‌ सेविका बेबी कौल , डॉ भारत गुप्ता समेत करीब दर्जन भर ने शिवसेना (यूबीटी) का दामन थामा, प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने शिव बंदन के साथ इनका स्वागत किया गया। इस मौके पर महासचिव विकास बख्शी, उपाध्यक्ष बलवंत सिंह, अध्यक्ष कामगर विंग राज सिंह,सचिव राजेश जंडयाल उपस्थित थे।

शिवसेना(यूबीटी) जम्मू-कश्मीर ईकाई प्रमुख मनीश साहनी ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाली की उम्मीद के साथ रिटायर्ड सेनाधिकारी को राज्यपाल बनाने की मांग की है।‌ साहनी ने कहा कि 7 अगस्त 2020 को मनोज सिन्हा को बतौर उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर की कमान सौंपी गई थी। इस दौरान शांतिपूर्ण तरीके से निकाय , लोकसभा व विधानसभा के चुनाव सम्पन्न हुए मगर आंतकवाद पर काबू पाने को लेकर कुछ खास कामयाबी हासिल नहीं हो पाई। साहनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने समेत इस अतिसंवेदनशील सीमावर्ती व आंतकवाद ग्रस्त राज्य के लिए अनुभवी सेना अधिकारी को राज्यपाल नियुक्त किया जाए ।

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