तलमेहड़ा,मनोज डोगरा:- सावन मास के तीसरे सोमवार को बाबा भोलेनाथ के अभिषेक के लिए प्राचीन ध्यूंसर सदा शिव मंदिर के गांव वही तलमेहडा के शिवालय में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर हर हर महादेव के जयकारों से शिवालय गूंज उठा। भक्तों ने बेलपत्र,अकबन के फूल से बाबा का श्रंगार कर जलाभिषेक किया। वहीं पूजा को लेकर शिवालय के द्वार तक सुबह 5:00 से ही भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। सुबह से ही शिवालय में भक्तों की भीड़ जुटने लगी थी।वहीं कई भक्तों ने सोमवारी पर उपवास रखा। सुहागिनों ने अखंड सुहाग व संतान के दीर्घायु होने, कुंवारी कन्याओं ने मनवांछित वर पाने के लिए उपवास रख, पूजा अर्चना की।संध्या आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।मंदिर के पुजारी राकेश शर्मा ने बताया कि श्रावण मास का आखिरी सोमवार भी 19 अगस्त 2024 को पड़ रहा है। 18 जुलाई को सावन शुक्ल पक्ष के चतुर्दशी की क्षय तिथि है।इसलिए 19 अगस्त को ही पूर्णिमा का प्रवेश हो रहा है।पूर्णिमा शुरू होते ही भद्रा भी लग रही है,जोकि 19 अगस्त को दोपहर 1वजकर 31 मिनट तक रहेगी।
सावन के आखिरी दिन होंगे व्रत त्यौहार। सावन की आखिरी दिन में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। यह त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। साथ ही सावन के अंतिम दिन में गायत्री जयंती, संस्कृत दिवस,नारली पूर्णिमा और हयग्रीव जयंती का त्यौहार भी मनाया जाएगा। श्रवण का महत्व समुद्र मंथन की कहानी।
हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार भगवान शिव ने संसार की रक्षा करने के लिए समुद्र मंथन के समय निकले हलाहल नामक विष को पी लिया था।कहते हैं कि वह विष इतना घातक था की पूरी दुनिया को खत्म कर सकता था। भगवान शिव ने सारे विष को पीकर दुनिया और सृष्टि को बचा लिया लेकिन उस विष को उन्होंने अपने गले में धारण करे रखा। जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया। इसी वजह से भोलेनाथ को नीलकंठ कहा जाता है।इसके बाद उसे विष का असर कम करने के लिए सभी देवी देवताओं और राक्षसों ने भगवान शिव को गंगाजल और दूध पिलाया। उस दिन सावन शिवरात्रि का दिन था, तभी से श्रावण में शिवजी को गंगाजल चढ़ाया जाता है।
विशाल भंडारे का आयोजन। सावन माह के उपलक्ष पर चरण दास शर्मा ग्राम पंचायत खरयालता के गांव बडोआ के समाजसेवी चरण दास शर्मा और अश्विनी कुमार शर्मा गांव भलेती की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें भोले बाबा के अभिषेक के लिए आए हुए हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।