अमलैहड़, (दीपक जसवाल) : अमलैहड़ में डेरा श्री बाबा रुद्रा नंद आश्रम अच्युतानंद में डेरा के अधिष्ठाता महान तपोनिष्ठ श्री श्री 1008 स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके परम शिष्य श्री हेमानंद जी महाराज की अध्यक्षता में कुशा अमावस्या पर्व बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया | इस मौके पर हजारों की संख्या में अमलैहड़ आश्रम पहुंचे श्रद्दालुओं ने अखंड धुनें पर माथा टेका | इस बड़े धार्मिक कार्यक्रम में उतर भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुँच कर भाग लिया इस मौके पर स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज के परम शिष्य श्री हेमानंद जी महाराज ने बताया की कुशा को परमात्मा का स्वरूप मानना है|
कुशा को पवित्र और पूजा के स्थान पर पर रखना है | इस कार्यक्रम में उन्होंने कुशा की उत्पति की कथा में बताया की एक बार हिरण्याक्ष नामक राक्षस पृथ्वी को समुंद्र में ले गया जब भगवान् विष्णु ने वराह अवतार धारण कर अपने परम भक्त प्रहलाद की प्राणों की रक्षा के लिए हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध करके पृथ्वी को अपने सींगों पर लाकर फिर से धरती को समुंद्र से निकाल कर स्थापित कर सभी प्राणियों की रक्षा की थी उसके बाद भगवान वराह अवतार ने अपने शरीर पर लगे पानी को झटका तब उनके शरीर के कुछ बाल रोम पृथ्वी पर आकर गिरे और कुशा के रूप में परिवर्तित हो गए इस प्रकार कुशा की उत्पति स्वयं भगवान् श्री हरी के शरीर से हुई इसलिए कुशा को अत्यंत पवित्र माना गया है | उन्होंने बताया की कुशा जिस भी वस्तु पर रखी जाती है वह कभी अपवित्र नहीं होती है कुशा को आदर प्रेम के साथ घर में रखना चाहिए | इस मौके पर रुद्रानंद सेवक मंडल के राजिन्द्र टीटू, अम्ब मंडल के अध्यक्ष एडवोकेट अश्वनी अरोड़ा , मंजू शर्मा , मोहिन्दर जसवाल , कुलदीप जसवाल , ओम प्रकाश व अन्य मौजूद रहे |
तपोनिष्ठ श्री श्री 1008 स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके परम शिष्य श्री हेमानंद जी महाराज की अध्यक्षता में कुशा अमावस्या पर्व बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया | इस मौके पर हजारों की संख्या में अमलैहड़ आश्रम पहुंचे श्रद्दालुओं ने अखंड धुनें पर माथा टेका | इस बड़े धार्मिक कार्यक्रम में उतर भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुँच कर भाग लिया |
इस मौके पर स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज के परम शिष्य श्री हेमानंद जी महाराज ने बताया की कुशा को परमात्मा का स्वरूप मानना है| कुशा को पवित्र और पूजा के स्थान पर पर रखना है | इस कार्यक्रम में उन्होंने कुशा की उत्पति की कथा में बताया की एक बार हिरण्याक्ष नामक राक्षस पृथ्वी को समुंद्र में ले गया जब भगवान् विष्णु ने वराह अवतार धारण कर अपने परम भक्त प्रहलाद की प्राणों की रक्षा के लिए हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध करके पृथ्वी को अपने सींगों पर लाकर फिर से धरती को समुंद्र से निकाल कर स्थापित कर सभी प्राणियों की रक्षा की थी उसके बाद भगवान वराह अवतार ने अपने शरीर पर लगे पानी को झटका तब उनके शरीर के कुछ बाल रोम पृथ्वी पर आकर गिरे और कुशा के रूप में परिवर्तित हो गए इस प्रकार कुशा की उत्पति स्वयं भगवान् श्री हरी के शरीर से हुई इसलिए कुशा को अत्यंत पवित्र माना गया है | उन्होंने बताया की कुशा जिस भी वस्तु पर रखी जाती है वह कभी अपवित्र नहीं होती है कुशा को आदर प्रेम के साथ घर में रखना चाहिए | इस मौके पर रुद्रानंद सेवक मंडल के राजिन्द्र टीटू, अम्ब मंडल के अध्यक्ष एडवोकेट अश्वनी अरोड़ा , मंजू शर्मा , मोहिन्दर जसवाल , कुलदीप जसवाल , ओम प्रकाश व अन्य मौजूद रहे |
में उनके परम शिष्य श्री हेमानंद जी महाराज की अध्यक्षता में कुशा अमावस्या पर्व बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया | इस मौके पर हजारों की संख्या में अमलैहड़ आश्रम पहुंचे श्रद्दालुओं ने अखंड धुनें पर माथा टेका | इस बड़े धार्मिक कार्यक्रम में उतर भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुँच कर भाग लिया | इस मौके पर स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज के परम शिष्य श्री हेमानंद जी महाराज ने बताया की कुशा को परमात्मा का स्वरूप मानना है| कुशा को पवित्र और पूजा के स्थान पर पर रखना है | इस कार्यक्रम में उन्होंने कुशा की उत्पति की कथा में बताया की एक बार हिरण्याक्ष नामक राक्षस पृथ्वी को समुंद्र में ले गया जब भगवान् विष्णु ने वराह अवतार धारण कर अपने परम भक्त प्रहलाद की प्राणों की रक्षा के लिए हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध करके पृथ्वी को अपने सींगों पर लाकर फिर से धरती को समुंद्र से निकाल कर स्थापित कर सभी प्राणियों की रक्षा की थी
उसके बाद भगवान वराह अवतार ने अपने शरीर पर लगे पानी को झटका तब उनके शरीर के कुछ बाल रोम पृथ्वी पर आकर गिरे और कुशा के रूप में परिवर्तित हो गए इस प्रकार कुशा की उत्पति स्वयं भगवान् श्री हरी के शरीर से हुई इसलिए कुशा को अत्यंत पवित्र माना गया है | उन्होंने बताया की कुशा जिस भी वस्तु पर रखी जाती है वह कभी अपवित्र नहीं होती है कुशा को आदर प्रेम के साथ घर में रखना चाहिए | इस मौके पर रुद्रानंद सेवक मंडल के राजिन्द्र टीटू, अम्ब मंडल के अध्यक्ष एडवोकेट अश्वनी अरोड़ा , मंजू शर्मा , मोहिन्दर जसवाल , कुलदीप जसवाल , ओम प्रकाश व अन्य मौजूद रहे |