हमीरपुर,ऊषा चौहन :-
अपने सगे संबंधियों व चहेतों पर बेदर्दी से लुटाया प्रदेश का खजाना : राजेंद्र राणा दूसरी ओर दानवीर बन कर कंगाली का मुख्यमंत्री सुक्खू रोते हैं रोना पर्यटन विभाग के अधिकारी को 5 साल का दिया सेवा विस्तार जिसकी घर तक में नहीं है कोई पूछ पहचान, उनको कैबिनेट रेंक देकर सरकार हुई है मेहरबान आर्थिक एमरजेंसी के कारण सुक्खू सरकार जल्द होगी धड़ाम
प्रदेश की सियासत में विपक्ष की राजनीति का केंद्र साबित हो चुके पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार व मुख्यमंत्री पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि जनता की नजर में ईमानदार व दानवीर बनने का नाटक करने वाले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्पष्ट करें कि जल शक्ति विभाग से जो 18 लाख रुपए का भुगतान उनके परिजनों को किया गया है क्या वह सत्ता के दुरुपयोग की श्रेणी में नहीं आता है। प्रदेश में हजारों लोगों ने जल शक्ति विभाग के मूलभूत ढांचे के निर्माण के लिए कई बीघा जमीनें विभाग को दी हैं तो ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि जल शक्ति विभाग ने उन लोगों को कितना भुगतान किया है। अगर नहीं किया है तो मुख्यमंत्री के परिवारिक सगे संबंधियों को 18 लाख का भुगतान किस कारण से किया गया है। एक ओर मुख्यमंत्री खजाना खाली होने का रोना रोते हैं और दूसरी ओर उसी खजाने से अपने परिजनों को सीधा लाभ देने के लिए सरेआम लुटाते हैं। अगर सरकार का खजाना खाली है तो फिर यह लाखों करोड़ों की सौगात अपने परिजनों व अपनी मित्र मंडली को लाभ पहुंचाने के लिए किस कारण दी जा रही है। राणा ने कहा कि ऐसा एक मामला नहीं अनेकों मामले हैं जिन में मुख्यमंत्री ने अपने को लाभ देने के लिए प्रदेश के कंगाल हो चुके खजाने को बेदर्दी से लुटाया है।
उन्होंने परिवहन विभाग द्वारा छह करोड़ से ज्यादा की भूमि खरीद पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2 लाख 62 हजार रुपए की जमीन सरकार के दबाव में परिवहन विभाग ने छह करोड़ से ज्यादा में खरीदी है जो कि भ्रष्टाचार के बड़े मामले को उजागर करती है। राणा ने कहा कि यही कारण है कि मुख्यमंत्री की हठधर्मिता के चलते प्रदेश में आर्थिक आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लोग कांग्रेस को छोड़कर जा रहे हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री राजनीतिक विरोधियों को व्यक्तिगत दुश्मन मानकर अपनी मनमानी कर रहे हैं। राणा बोले कि प्रदेश के प्रशासनिक सिस्टम की मानें तो सुक्खू सरकार अब तक की सबसे भ्रष्टाचारी व नाकाम सरकार साबित हुई है। जहां प्रदेश हित के सिवाय बाकी सब कुछ करने की खुली छूट की मनमानी चल रही है। राणा ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि रिटायर व टायरेड़ अधिकारियों को लगातार एक्सटेंशन देने का भी खुला खेल चल रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के एक अधिकारी को पांच साल की एक्सटेंशन देकर सरकार ने एक नया कीर्तिमान बनाया है। उन्होंंने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता को स्पष्ट करे कि सरकार ने अब तक सेवानिवृत हो चुके कितने अधिकारियों व कर्मचारियों को एक्सटेंशन दी है और इन धड़ाधड़ दी जा रही एक्सटेंशन का असली राज क्या है।