काशीपुर,नाजिम खान:-महामहिम ने आईआईएम काशीपुर में आयोजित उत्तराखंड प्रकोष्ठ के स्थापना कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि प्रतिभाग किया
उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल गुरमीत सिंह ने आज अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम काशीपुर में आयोजित उत्तराखंड प्रकोष्ठ (उत्तराखंड सेल) के स्थापना कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि प्रतिभाग किया। महामहिम राज्यपाल ने उत्तराखंड प्रकोष्ठ (सेल) का फीता काटकर उद्धघाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम अवसर पर बोलते हुए कहा की परियोजना में तीन क्षेत्रों में विकास के कार्यों को लेकर राज्य के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों को आईआईएम काशीपुर के साथ काम करने के लिए एमओयू तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन के लिए कुमाऊं यूनिवर्सिटी, उद्यान के लिए जीबी पंत यूनिवर्सिटी तथा तकनिकी के लिए उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के साथ आईआईएम काशीपुर काम करेगा। उसके उपरांत महामहिम ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल ने कहा कि आज के इस सुअवसर पर जब एक महाभियान की शुरुआत “उत्तराखंड सेल ” की स्थापना हो रही है, राज्य के तेजी से विकास के लक्ष्य की पूर्ति के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने पर मुझे बहुत ही प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह गुरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा के लिए काशीपुर को चुना था ठीक उसी तरह भारत सरकार ने इस पावन भूमि को प्रबंध के क्षेत्र में ज्ञान की गंगा बहाने के लिए आईआईएम काशीपुर को स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य उत्तराखंड के लोगो की सोच में बदलाव लाकर प्रदेश को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाना है, मुझे खुशी है कि इस संस्थान ने तेरह वर्षों के दौरान निरंतर सफलता के पायदान चढ़े हैं। उन्होंने कहा कि अपने देश के टॉप 20 संस्थानों में जगह बनाने वाले इस संस्थान के लिए, उत्तराखंड के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने का यह सही समय है। महामहिम ने कहा कि हमारे पौराणिक ग्रंथो में भी गुरुओं का राज्य कल्याण के लिए योगदान का उल्लेख मिलता है। इसी तरह के योगदान के लिए आज का दिन हमारे राज्य के लिए यादगार दिन रहेगा, जब इस महाभियान की शुरुआत “उत्तराखंड सेल ” की स्थापना से हो रही है। उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड सेल” उत्तराखंड राज्य एवं आईआईएम काशीपुर के लिए एक ‘थिंक टैंक’ का काम करेगी जो कि राज्य एवं संस्थान के बीच एक सेतु होगा।