शिमला,टीना ठाकुर:- आईजीएमसी अस्पताल के आर के एस कर्मचारियों की 6 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक दूसरे दिन भी जारी मरीजो को झेलनी पड़ रही परेशानी,पर्ची बनाने में आ रहे दिक्कत शिमला के आईजीएमसी अस्पताल के आर के एस कर्मचारी 6 घंटे की पेन डाउन हड़ताल लगातार दूसरे दिन भी जारी है। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें नियमित किया जाए और सैलरी भी बढ़ाई जाए। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गयी है। अस्पताल में मरीजों की पर्चियां बनना बन्द हो गई है, जिससे मरीजों को इलाज कराने में दिक्कत आ रही है।पर्ची काउंटर के बाहर सुबह से लंबी लाइन लगी है।अस्पताल में पहुंचे मरीजों के मुताबिक वे लोग दूर दराज के इलाकों से इलाज कराने पहुंचे हैं। ऐसे में वे बिना इलाज कराए घर नहीं जा सकते हैं। पिछले दो सालों से कर रहे हैं मांग
आरकेएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरविंद पाल ने बताया कि उन्होंने बताया कि हमारे रेगुलर पे स्केल का मामला पिछले 2 सालों से लंबित है। उन्होंने कहा कि 2016 में 39 कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल दिया जा चुका है।उन्होंने बताया कि टांडा ओर नाहन में 8 कर्मचारियों को भी रेगुलर पे स्केल दिया जा चुका है।2019 में भी एक कर्मचारी को दिया गया उन्होंने कहा आईजीएमसी में 2021 में हमारे 8 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन हमें अभी तक रेगुलर पे स्केल नही दिया गया।उन्होंने कहा न सरकार न प्रशासन कोई इस ओर ध्यान नही दे रहा है।उन्होंने कहा हर कर्मचारी पर अतिरिक्त कार्य का बोझ है तीन सीटों का काम एक कर्मचारी को करना पड़ रहा है।इसको लेकर हमे पेन डाउन स्ट्राइक पर जाना पड़ा।उन्होंने कहा जब तक हमे लिखित में आदेश नही मिलते तब तक हड़ताल जारी रहेगी।उन्होंने कहा कर्मचारियों ने 2 सितंबर तक 6 घंटे की दो बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर जाने का फैसला किया है। कर्मचारियों ने कहा कि दो सितंबर तक अगर अस्पताल प्रशासन कोई निर्णय नहीं लेता तो वे पूरे दिन की हड़ताल पर चले जाएंगे।गौरतलब है कि पहले भी कर्मचारी हड़ताल कर चुके है तब मुख्यमंत्री से आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी थी।
ओपीडी और नियमित टेस्ट बनने वाली पर्चियां नहीं बन रही आर के एस कर्मचारियों ने कहा कि आपातकालीन सेवाओं के लिए एक काउंटर चलता रहेगा। लेकिन ओपीडी और नियमित टेस्ट के लिए बनने वाली पर्चियां पूरी तरह बंद रहेगी। बता दें कि आईजीएमसी में रोजाना औसतन 3500 से ज्यादा पर्चियां बनती है।