ऊना ज्योति स्याल:-भगवान धन्वंतरि जयंती के उपलक्ष्य पर नौवां आयुर्वेद दिवस आयोजित
उपायुक्त का लोगों से आयुर्वेद को दैनिक जीवनशैली में शामिल करने का आह्वान,देवताओं के चिकित्सक भगवान धन्वंतरि की जयंती के अवसर पर आयोजित 9वें आयुर्वेद दिवस समारोह में उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि आयुर्वेद मात्र एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित, स्वस्थ और सार्थक बनाए रखने का प्राचीन विज्ञान है। उन्होंने लोगों से आयुर्वेद को अपनी जीवनशैली में
अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे जीवन में संतुलन आता है और यह हमें आधुनिक जीवन की कई स्वास्थ्य चुनौतियों से बचाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। मंगलवार को जिला परिषद सभागार ऊना में आयोजित इस समारोह में उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का समावेश व्यक्ति के व्यक्तिगत लाभ से परे, समाज में एक स्वस्थ जीवनशैली की प्रेरणा और जागरूकता को बढ़ावा देगा।उपायुक्त ने बताया कि इस वर्ष आयुर्वेद दिवस की थीम वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार रखी गई है, जिसका उद्देश्य आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर नवाचार और स्वास्थ्य संवर्धन के माध्यम से अधिक सुदृढ़ और प्रभावी बनाना है।अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भगवान धन्वंतरि जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का मुख्य उद्देश्य एक स्वस्थ और निरोगी समाज का निर्माण करना है, साथ ही आयुर्वेद के प्रति जनसाधारण में जागरूकता बढ़ाना और इसे प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर उपायुक्त ने जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह-2024 में योगासन प्रदर्शन की प्रस्तुति देने वाले योग प्रशिक्षकों, बच्चों, सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया।
आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर किरण शर्मा ने आयुष विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी और स्वस्थ जीवनशैली के लिए आयुर्वेदिक उपाय, रोगों से बचाव के तरीके, और आयुर्वेद के अन्य प्रभावी उपचारों पर प्रकाश डाला।
इससे पहले समारोह का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें स्वस्थ जीवन और आयुर्वेद के प्रति श्रद्धा अर्पित की गई।इस अवसर पर उपमंडलीय आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विजय ठाकुर, आयुष विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।