नूरपुर,भूषण शर्मा:-उपायुक्त हेमराज बैरवा ने मल्टीपर्पज आउटलेट का किया शुभारंभ*स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री को मिलेगा बेहतर मंच उपायुक्त हेमराज बैरवा ने आज बुधवार को इको पार्क में 6 लाख रुपए से निर्मित वन विभाग की वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन एवम आजीविका सुधार परियोजना के मल्टीपर्पज आउटलेट का शुभारंभ किया। इसके साथ उन्होंने इको पार्क में दो दिवसीय नूरपुर हाट मेले का शुभारंभ भी किया जिसमे स्वंय सहायता समूहों द्वारा उनके उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वन मंडल नूरपुर में जाइका के माध्यम से 29 ग्राम वन विकास समितियां हैं जिनमें 58 स्वंय सहायता समूह कार्यशील हैं। इन स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए मार्केटिंग का बेहतर मंच मुहैया करवाने में यह बिक्री केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।उपायुक्त ने कहा कि स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए लगाए गए इस प्रकार के मेले से हम सभी को लोकल उत्कृष्ट उत्पादों को देखने और खरीदने का अवसर मिलेगा।उन्होंने कहा कि सभी विभागों ने गांव स्तर पर अपने अपने ग्रुप बनाए हैं लेकिन अभी इन समूहों की गतिविधियां छोटे स्केल पर है। इनको बड़े स्तर पर करने के लिए विभागों को मेहतन करने के साथ नए इनिशिएटिव लेने होंगे ताकि इन समूहों के प्रतिभागियों की आय बढ़ सके जिससे गांव की आर्थिकी को बल मिलेगा।उपायुक्त ने नेशनल हाइवे के जंक्शन पर भी इस तरह के आउटलेट खोलने की संभावनाएं तलाशने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बिक्री केंद्र तथा मेले के माध्यम से स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों को लोकल स्तर पर बेचने में सहायता मिलेगी लेकिन इसके साथ ऑनलाइन मार्केटिंग के प्रयास भी करने चाहिए।उन्होंने कहा कि अपना कांगड़ा,हिम ट्रैडिशनल, हिम इरा आदि विभागीय ऑनलाइन साइट्स के माध्यम से भी उत्पादों की बिक्री करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि मार्किट में बहुत प्रतिस्पर्धा है इसीलिए स्वंय सहायता समूहों के प्रतिभागियों को मार्केटिंग तथा पैकेजिंग से संबंधित प्रशिक्षण भी देना चाहिए ताकि उनके द्वारा बनाये गए उत्पाद आकर्षित लग सकें। उन्होंने समूहों के प्रतिभागियों को अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि स्वंय सहायता समूहों द्वारा बनाये पत्तलों को मंदिरों को दिया जाएगा और मंदिरों में लंगर इन पत्तलों में परोसा जाएगा जिससे स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के अवसरों में बढ़ावा मिलने के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा।
उपायुक्त ने लोगों से मेले में बढ़ चढ़ कर भाग लेने व स्वंय सहायता समूहों द्वारा बनाये परम्परागत उत्पादों की खरीद करने का आग्रह किया ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।