गगरेट और चिंतपूर्णी के विधायकों की समाधान में रही महत्वपूर्ण भूमिका
ऊना,ज्योति सयाल,247 सुपरफास्ट
ऊना जिला प्रशासन के प्रयासों से गगरेट और चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र से जुड़े एक ट्रांसपोर्ट सोसायटी विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान कर लिया गया है। बता दें, उपायुक्त जतिन लाल ने शिव सहकारी ट्रांसपोर्ट सोसायटी लिमिटेड अंब, शिवालिक ट्रांसपोर्ट सोसायटी लिमिटेड भंजाल तथा जय शंकर ट्रक एंड टैंकर को-ऑपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड में चल रहे विवाद में दायर शिकायतों की जांच और समाधान के लिए अतिरिक्त उपायुक्त ऊना की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। इस समिति में एसडीएम अंब, एसडीएम गगरेट, जिला राजस्व अधिकारी, ऊना और सहायक पंजीयक सहकारी समितियां, ऊना को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। इसने शनिवार को मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल कर लिया। समाधान में एक राजीनामे पर सहमति बनी, जिससे सभी संबंधित पक्ष संतुष्ट थे।
उल्लेखनीय है कि इस विवाद को सुलझाने में गगरेट के विधायक राकेश कालिया और चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह मामला लोगों की रोजी-रोटी से जुड़ा हुआ था, इसलिए विधायकों ने सक्रियता से इसे सुलझाने में भूमिका निभाई।
ये था मामला
शिवा को-ऑपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड अंब और शिवालिक ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड भंजाल के सदस्यों का यह आरोप था कि 2009 में रजिस्टर्ड शिवा को-ऑपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड और 2016 में रजिस्टर्ड शिवालिक ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड के कुछ सदस्यों ने जालसाजी करके 2022 में जय शंकर ट्रक एंड टैंकर को-ऑपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड का गठन किया, जिसने उनके कार्यक्षेत्र में घुसपैठ की है। उनकी मांग थी कि जय शंकर ट्रक एंड टैंकर को-ऑपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड को उनके क्षेत्र में काम करने से रोका जाए ताकि पुराने सदस्यों की बेरोजगारी और मुश्किल स्थिति से बचाया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कुछ सदस्यों पर धन के दुरुपयोग और गबन के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
ये हुआ राजीनामा
समिति की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा के बाद, दोनों पक्षों के बीच राजीनामा करवाया गया। राजीनामे के तहत यह तय हुआ कि मुबारिकपुर स्थित लिव गार्ड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माल ढुलाई के काम को दोनों पक्ष बराबर-बराबर साझा करेंगे। यह नियम सभी मार्गों पर लागू होगा। दोनों पक्षों के पास आने वाली माल ढुलाई की डिमांड भी बराबर-बराबर बंटेगी और वे अपनी-अपनी बिल्टी के अनुसार काम करेंगे। प्रथम पक्ष (शिवा और शिवालिक ट्रांसपोर्ट सोसाइटी) के वे सदस्य जो द्वितीय पक्ष (जय शंकर ट्रक एंड टैंकर को-ऑपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी) में शामिल हो गए हैं, वे द्वितीय पक्ष के सदस्य बने रहेंगे।