Thursday, November 21, 2024
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एडवोकेट विवेक हंस गरचा का यू.टी चंडीगढ़ एस.एस फेडरेशन से इस्तीफा

कर्मचारियों के हकों के लिए दिन – रात जिनसे लड़ते रहे, आज वही लोग अपने हकों की भीख मांग रहें हैं उन्हीं से जिन्होंने उनका शोषण किया : एडवोकेट विवेक हंस गरचा

मैं ऐसे लोगों के लिए नहीं लड़ता, जो जंग-ऐ-मैदान में पीठ दिखाकर शोषणकर्ताओं के क़दमों में अपना ज़मीर बेचकर झुक जायें : एडवोकेट विवेक हंस गरचा

हर जंग जीत के लिए नहीं लड़ी जाती, कुछ दुनिया को यह बताने के लिए लड़ी जाती है कि कोई था तुम्हारा अपना रणभूमि में जो तुम्हारे हकों के लिए लड़ रहा था, लेकिन तुमने उसका साथ नहीं दिया : एडवोकेट विवेक हंस गरचा

न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो एवम पंजाब एन्ड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ के एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने आज यू.टी चंडीगढ़ एस.एस फेडरेशन के लीगल एडवाइजर पद से तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हकों के लिए दिन – रात हम जिनसे लड़ते रहे, आज उसी फेडरेशन के नेतागण कर्मचारी वर्ग के हकों की, उन्हीं से भीख मांग रहें हैं जिन्होंने उनका शोषण किया।

एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि मैं ऐसे लोगों के साथ कार्य नहीं करता जो कर्मचारियों का शोषण करें क्योंकि कांग्रेस व भाजपा ने केंद्रीय व राज्य स्तर पर देश को लुटा। इन सत्ताधारी पार्टियों ने कर्मचारियों की समस्याओं का आज तक समाधान ना करके अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकी। युवाओं को नौकरी से निकाला, उन्हें बेरोज़गार किया, उनके घर का चूल्हा भुजाया, उनके बच्चों के मुँह से निवाला छिना हो। आज कुछ लोग, चंद रुपयों के लिए अपना ईमान बेचकर । गरीब, मजदूर वर्ग के लोगों की भीड़ इकठा कर कांग्रेस व भाजपा को भारी मात्रा में वोट बैंक की मुरुगतृष्णा दिखाकर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं। उन्होंने शंका जताई कि भीड़ में इकठा हुए कर्मचारियों को शायद नहीं मालूम था कि उनके हकों की बात करने वाले उनके नेता गण शायद चंडीगढ़ से सांसद बनाने के लिए उनकी कीमत ले रहें हैं।

एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि मैं उनके लिए नहीं लड़ता, जो जंग-ऐ-मैदान में पीठ दिखाकर शोषणकर्ताओं के क़दमों में अपना ज़मीर बेचकर झुक जाये।

उन्होंने कहा कि हर जंग जीत के लिए नहीं लड़ी जाती, कुछ दुनिया को यह बताने के लिए लड़ी जाती है कि कोई था तुम्हारा अपना रणभूमि में जो तुम्हारे हकों के लिए लड़ रहा था, लेकिन तुमने उसका साथ नहीं दिया। यह कहते हुए उन्होंने फेडरेशन के सभी पदाधिकारियों को हमेशा – हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि अब कभी भी उनके नाम का इस्तेमाल फेडरेशन के किसी भी दस्तावेजों पर ना किया जाये।

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