जयसिंहपुर,ब्यूरो रिपोर्ट : जयसिंहपुर हलके के चंगर क्षेत्र भलुंदर व आसपास के गांवों को सुजानपुर से जोड़ने के लिए ब्यास नदी में पुल न होने के कारण इस क्षेत्र के लोग बरसात में काला पानी का जीवन जीने को विवश हैं। यूं तो लोग आम दिनों में ब्यास नदी पर लकड़ी की नाव से होकर सुजानपुर पहुंचते हैं, लेकिन मई माह से सितंबर माह के अंत तक ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ता है और नाव बंद होने से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ जाती हैं।
तीन पंचायतों लाहडू, कूहन पिहड़ी ग्लोटी व बालकरूपी के बाशिंदे शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य व अन्य कार्यों के लिए सुजानपुर पर ही निर्भर हैं लेकिन बरसात में यह लोग सुजानपुर से पूरी तरह कट जाते हैं और बालकरूपी आलमपुर होकर सुजानपुर पहुंचने को 18 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है जबकि ब्यास नदी पर पुल बन जाए तो यह दूरी महज दो से तीन किलोमीटर तक रहेगी। चंगर विकास सुधार सभा के अध्यक्ष कल्याण चंद राणा, सचिव रिखी राम सुमन व सदस्यों ईश्वर दास, पन्ना लाल, पवन सिंह व ग्रामीणों ने बताया कि जून 1998 में पहले भलुंदर को सुजानपुर से जोड़ने के लिए पुल का शिलान्यास हुआ था फिर यहां झूला पुल बनाने की बात कही गई जब धौलासिद्ध विद्युत प्रोजेक्ट शुरू हुआ तो फिर से पुल बनाने के लिए सर्वे की बात शुरू हुई लेकिन यह सर्वे से आगे नहीं बढ़ पाया। स्थानीय लोगों का कहना था कि वो पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान सीएम, मंत्रियों व सांसद से मिले चुके और इस सरकार में सीएम सुक्खू से भी अपनी परेशानी कह चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लाहडू व कूहन बैकवर्ड पंचायतें हैं और पुल न होने से 6 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द यहां पर पुल का निर्माण
किया जाए।
काला पानी का जीवन जीने को मजबूर भलुंदर, लाहडू, कूहन के ग्रामीण
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