शिमला, टीना ठाकुर :-
केंद्रीय विवि के शाहपुर परिसर में पर्यावरण विभाग और शोध द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के शाहपुर परिसर में पर्यावरण विभाग एवं मानवता के समग्र विकासार्थ विद्यार्थी (शोध) द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला “अनुसंधान आउटपुट और अनुसंधान नैतिकता की दृश्यता और गुणवत्ता बढ़ाना” का आयोजन 9-11 अक्तूबर 2024 को किया जा रहा है।दिनांक 9 अक्तूबर 2024 को उद्घाटन समारोह का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि प्रो. ए. सी. पांडे, निदेशक अंतर विश्वविद्यालय तवर्क केंद्र (IUAC), विशिष्ट अतिथि प्रो. प्रदीप कुमार, अधिष्ठाता अकादमिक, हिप्रकेवि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के शोध प्रमुख डॉ हरीश गौतम जी ने शोध की जानकारी रखते हुए बताया कि शोध विभिन्न विषयों के विद्यार्थियों को एक मंच पर लाने का प्रयास है जिसे इंटर डिसीप्लिनरी अप्रोच को बढ़ावा मिल सके। शोध का लक्ष्य सामाजिक समस्याओं के ऊपर शोध को बढ़ावा देना है और हो चुके शोध को समाज के बीच में पहुंचना है।प्रो. ए. सी पांडे जी ने समाज के समग्र विकास में अनुसंधान का योगदान एवं व्यावहारिक विज्ञान को सैद्धांतिक विज्ञान से जोड़ने पर जोर दिया और अनुसंधान में बहुविषक दृष्टिकोण अनुसंधान करने के लिए शोधार्थियों को प्रोत्साहित किया।प्रो. प्रदीप कुमार जी ने अपने वक्तव्य में अनुसंधान का समाज में प्रभाव के विषय के बारे में जानकारी दी।
कार्यशाला में तीन सत्र रहे:
1) प्रो. ओ. एस. के. एस. शास्त्री जी ने “How to know oneself” पर अपना वक्तव्य रखा।
2) प्रो. ए. के. महाजन जी ने अपने वक्तव्य में शोधार्थियों को ग्रुप डिस्कशन का सुझाव देते हुए अपने शोध कार्य में प्रगति लाने का सुझाव दिया।
3) डॉ विक्रम शर्मा जी ने अपने वक्तव्य में साहित्य की समीक्षा के विषय में शोधार्थियों से चर्चा की और विश्वविद्यालय में उपलब्ध ओपन एक्सेस शोध सामग्री के बारे में जानकारी दी।