Friday, November 22, 2024
Google search engine
HomeHIMACHAL PRADESHकॉलोनियों में जल भराव के लिए प्रॉपर्टी डीलर भी हैं जिम्मेदार

कॉलोनियों में जल भराव के लिए प्रॉपर्टी डीलर भी हैं जिम्मेदार

ऊना,ज्योति स्याल:-जिला मुख्यालय के निचले इलाकों में बनाई गई रियाहशी कॉलोनियों में बारिश का पानी घुसना हर बरसात में आम बात है। सोचने बाली बात यह है कि कॉलोनियां बसाने वाले प्रॉपर्टी डीलर निचले क्षेत्रों में चार पांच फुट भर्ती डालकर कॉलोनी विकसित कर देते हैं। यहां आज से बीस से पच्चीस वर्ष पहले बारिश का पानी निकलता था या पानी खड़ा रहता था, उस जमीन पर कॉलोनियां विकसित कर दी गई हैं। लेकिन पानी की उचित निकासी करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिसका सीधा असर यहां पर रहने वाले लोगों को उठाना पड़ता है। बारिश का पानी निकलने बाली जगहों पर मिट्टी डालकर उस जगह को आकर्षित कर कॉलोनियों को काट दिया जाता है। जिससे बाहर से आने वाले लोग प्लॉट खरीद कर घर बना लेते हैं। उस जमीन की असलियत का लोगों को तब पता चलता है जब दो चार वर्ष बाद भारी बरसात पड़ती है और लोगों के घरों में पानी काफी नुकसान कर जाता है।

लेकिन तब लोग अपनी कमाई को यहां पर लगा चुके होते हैं और उनके पास हाथ मलने के अलावा कोई चारा नहीं होता। बारिश का पानी घरों में घुसने के बाद यह लोग भी सरकार और प्रशासन को कोसना शुरू कर देते हैं। लेकिन यही लोग जब प्रॉपर्टी डीलर से प्लॉट की खरीद करते हैं, तब प्रॉपर्टी डीलर से यह नहीं पूछते कि यहां पर बरसात में पानी किस स्तर तक आता है। घर बनाने के बाद बरसात में समस्या आने पर प्रॉपर्टी डीलर से पूछने की अपेक्षा सरकार के ऊपर आरोप लगाने शुरू कर देते हैं कि सरकार पानी की निकासी सही तरीके से नहीं करती। जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। सरकार और प्रशासन को कोसने से पहले लोगों को खुद जागरूक होना चाहिए। प्लॉट खरीदते समय यह ध्यान अवश्य रखे कि प्लॉट किस लेवल पर है। बरसात में पानी की निकासी कैसी है। प्लॉट खरीदने से पहले लोकल लोगों से संपर्क कर लेना चाहिए, कि बारिश में उस स्थान पर कितना पानी आता है।

कई जगहों पर खुद भी लोगों ने खड्डों के किनारे पर घर बना लिए हैं। भारी बरसात होने पर प्रशासन की ओर देखते हैं कि उनकी सहायता की जाए। इन लोगों को अपनी जिंदगी भर की कमाई सोच समझकर सुरक्षित स्थान पर। लगानी चाहिए। पुराने जमाने में बुजुर्ग ऊंचे स्थानों पर घर बनाने को प्राथमिकता देते थे। जिससे बरसात का पानी घरों में न घुस सके। लेकिन आज के दौर में घर बनाने से पहले यही देखा जाता है कि गाड़ी गेट के अंदर तक पहुंचती है या नहीं। पानी की निकासी की ओर किसी का भी ध्यान नहीं जाता। बरसात में जब कभी इंद्रदेव अपना प्रकोप दिखाते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
सोच समझकर घर बनाने के लिए सुरक्षित जमीनें खरीदें और खुद वा अपने सामान को सुरक्षित रखें।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!