बंगाणा, जोगिंद्र देव आर्य । गोविंदसागर में मछ्ली पकड़ने का प्रतिबंध 15 जून से 15 अगस्त तक लगा हुआ है। विभाग ने जगह जगह अपने कर्मचारियों को तैनात किया हुआ है। ताकि कोई भी मछ्ली का शिकार ना करे । कर्मचारियों द्वारा दिन रात यानि 24 घन्टे अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मछुआरों की किश्तियाँ किनारे पर बंधी होने के कारण झील में रौनक नहीं है। लेकिन मछुआरों को इस प्रकार के प्रतिबंध के दौरान कई बर्ष पहले कुछ सहायता राशि मिलती थी परन्तु अब कोई भी किसी भी प्रकार की राशि नहीं मिलती है। जिसकी वजह से मछुआरों को बहुत ही मुश्किलों का सामान करना पड़ रहा है। उन्हें परिवार का पालन पोषण करना बहुत ही मुश्किल हो गया है। क्योंकि कई मछुआरों तो इसी व्यवसाय से अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। दी लठियानी मत्स्य सभा के प्रधान व अन्य सदस्यों सन्तोष कुमार राकेश कुमार हरि सिंह रमेश चन्द ने बताया कि सहायता तो मिलती है । वो भी फरवरी मार्च या कई बार देरी से मिलती है। जबकि मछुआरों को इस समय बहुत ही जरूरत होती है । इस समय सभी मछुआरे बहुत ही निराश व हतास हैं ।मत्स्य सभा के प्रधान सुशील कुमार व हरि सिंह का कहना है कि इस समय मछुआरों कोकोई भी कार्य नहीं मिल रहा है। जो कि बहुत ही मुश्किल हो गया है परिवार का पालन पोषण करना इस महंगाई के दौर में । अतः विभाग व सरकार से निवेदन है कि जो सहायता राशि देते हैं उसे प्रतिवंध के दौरान ही दी जाए ।ताकि हमें कुछ राहत मिल सकते ।