Friday, November 22, 2024
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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार से मूवमेंट कल्कि की कोर कमेटी की मुलाकात

जम्मू,नवीन पाल:-आज मूवमेंट कल्कि की कोर कमेटी के सदस्यों और बोर्ड के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार श्री राजीव राय भटनागर से एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक का नेतृत्व कोर कमेटी के सदस्य ठाकुर अर्जुन सिंह और सन्नी कांत छिब ने किया, और उनके साथ कुशल शर्मा, संजीव दुबे, और विक्रम महाजन भी उपस्थित थे। मुलाकात के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर में अवैध कब्जों और बढ़ते रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों से उत्पन्न हो रही समस्याओं के संबंध में एक स्मरण पत्र सौंपा। इस पत्र में इन मुद्दों के स्थानीय जनसंख्या पर पड़ने वाले प्रभाव, अपराध दर में वृद्धि, सांस्कृतिक पहचान पर खतरा और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ रही चुनौतियों पर जोर दिया गया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अवैध बसावटों को हटाने और इन समस्याओं के मूल कारणों को दूर करने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने हाल ही में बांग्लादेश में हुई घटनाओं से उत्पन्न संभावित खतरों और जम्मू-कश्मीर में ऐसी स्थिति को रोकने की आवश्यकता पर भी चर्चा की।

पिछले कुछ वर्षों में, जम्मू-कश्मीर में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों और बाहरी प्रवासियों, विशेष रूप से रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप, निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं:

  1. अवैध कब्जों में वृद्धि: सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे तेजी से बढ़ रहे हैं, और इन कब्जों को हटाने के प्रयासों के दौरान हिंसा और हथियारों का उपयोग आम हो गया है। इस स्थिति ने प्रशासन के लिए गंभीर चुनौतियां उत्पन्न कर दी हैं।
  2. चोरी और लूटपाट: इन अवैध प्रवासियों के आने से चोरी और लूटपाट की घटनाओं में असामान्य वृद्धि हुई है, जिससे नागरिकों में असुरक्षा और भय का माहौल बन गया है।
  3. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा: महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध, जैसे कि किडनैपिंग और हमले, लगातार बढ़ रहे हैं, जो राज्य की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है।
  4. रोजगार और सांस्कृतिक बदलाव: बाहरी प्रवासियों के आगमन से स्थानीय नागरिकों के रोजगार के अवसर कम हो गए हैं। साथ ही, जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान भी खतरे में पड़ गई है, क्योंकि ये प्रवासी न तो हमारी भाषा समझते हैं और न ही हमारे समाज में घुल-मिल पाते हैं।
  5. अपराध और आतंक का बढ़ता प्रभाव: रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासी समुदायों में अपराध और क्रूरता की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिससे समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंच रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है।

हमारा मानना है कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, उसे जम्मू-कश्मीर में दोहराया नहीं जाना चाहिए। इसलिए, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों, विशेष रूप से रोहिंग्या और बांग्लादेशी समुदायों, को तुरंत हटाने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

श्री राजीव राय भटनागर ने प्रतिनिधिमंडल की चिंताओं को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि प्रशासन जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा, सांस्कृतिक धरोहर, और शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उठाए गए मुद्दों को शीघ्रता से संबोधित करने के लिए उचित कदम उठाने का वादा किया।

बैठक सकारात्मक माहौल में समाप्त हुई, जिसमें मूवमेंट कल्कि के सदस्यों ने प्रशासन से शीघ्र और निर्णायक कार्रवाई की उम्मीद जताई, ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा की जा सके।

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