ऊना,ज्योति स्याल:-झूठा निकला लूट का केस शिकायतकर्ता ने निजी लड़ाई को दे दिया था लूट का रंग फिल्मी स्टाइल में जड़ी थी कहानी, पुरानी घटनाओं को अखबार में पढ़कर लिखबाई थी रिपोर्ट
पुलिस थाना हरोली में प्रिंस नामक शिकायतकर्ता ने कुछ दिन पहले एक शिकायत दर्ज कराई थी कि इसे पोलिया के पास सुबह के समय तीन अनजान युवकों ने जिन्होंने मुंह पर काले पटके बांध रखे थे , ने घेर लिया और तलवार के साथ मारपीट करके इसके पास से ₹15000 कैश , चांदी का एक कड़ा, चांदी की एक गले की चेन, छीन कर ले गए पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अभियोग दर्ज किया और कार्रवाई शुरू की। 4 घंटे के भीतर पुलिस ने पंजाब से तीन आरोपियों को पकड़ भी लिया परंतु जब आरोपियों से पूछताछ हुई तो कहानी कुछ और ही निकली
शिकायतकर्ता का पहले से ही मुख्य आरोपी मनीष कुमार उर्फ मेशू के साथ पुरानी रंजिश चली हुई थीं। दोनों में पहले दो-तीन बार मारपीट भी हो चुकी थी । इस बार मनीष कुमार ने योजना बनाई थी कि पिछली बार शिकायतकर्ता ने इसे पीटा है तो इस बार यह प्रिंस को पिटेगा । मनीष कुमार ने अपने दो दोस्तों को अपने साथ लिया और पोलिया के पास एक सुनसान जगह पर शिकायतकर्ता को रोका और उसको खंडे से मारपीट की । जब पुलिस ने शिकायतकर्ता से कड़ाई से पूछताछ की तो शिकायतकर्ता भी मान गया कि इसका पहले से ही मनीष कुमार के साथ विवाद चला हुआ था परंतु उसने अखबारों में पढ़ रखा था की पोलियां में इस तरह की वारदात हो रही हैं तो मनीष और उसके साथियों को अच्छे से सबक सिखाने के लिए इसने फिल्मी स्टाइल में झूठी कहानी रच दी और आरोपियों के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज कर दिया
शिकायतकर्ता के पास ना तो कोई चैन थी, ना ही कड़ा था और ना ही ₹15000 कैश जब पुलिस ने शिकायतकर्ता को लेकर मौके का निरीक्षण किया तो पाया की शिकायत करता ने पुलिस को गलत मौका दिखाया । फुटेज चेक करने पर पाया कि तीनों आरोपियों ने पहले हिमाचल में एंट्री करते ही पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवाया था जहां पर तीनों साफ तौर पर कपड़ों में देखे जा सकते थे किसी ने भी कोई काले रंग का पटका ना पहन रखा था पोलिया के पास फूटेज से पुलिस को पता चला कि शिकायतकर्ता आरोपियां से दो-चार मिनट पहले ही पोलियां की तरफ को घटना के बाद आया था , जबकि शिकायतकर्ता ने प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्ज कराया था कि अपनी जान बचाने के लिए वह जंगल की तरफ भाग गया था । इस तरह शिकायतकर्ता की आधी से ज्यादा कहानी झूठी पाई गई । पुलिस ने आज तीनो आरोपियों का रिमांड समाप्त होने बाद आरोपियों को पेश अदालत किया । जहां से आरोपी जमानत पर रिहा हो गए है
पुलिस ने अब सच्चाई का साथ देते हुए अभियोग में मारपीट की धारा लगाई है और लूट की धारा को निरस्त कर दिया है। जिला पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया है कि सच्चाई को खंगालने में समय जरूर लगा है, पुलिस ने सच से पर्दा उठा दिया है । उक्त घटना लूट की नहीं पाई गई है जिसे अब शिकायतकर्ता ने भी मान लिया है । आम जनता से आग्रह है की सनसनी फैलाने के लिए झूठी रिपोर्ट ना करें।