गगरेट,दीपक जसवाल:- कुछ ऐसा ही हालाते मंजर गगरेट क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर देखने को मिल रहा है । कहीं बुलेट पटाखे की गूंज, तो कहीं तेज रफ्तार तो कहीं प्रेशर हॉर्न बेलगाम । कोई दुर्घटना होती है तो जो शिकार होता है स्वयं तो जान से हाथ धोता है या घायल होकर पीड़ा सहता है वही परिवार को मुसीबत में डालता है वहीं जिन पर ट्रैफिक नियमों की अनुपालना कराने का दायित्व होता है व जो सड़क सुरक्षा के नाम पर जागरूकता डिस्प्ले व सड़क सेफ्टी क्लब सभी आवश्यकता से अधिक कभी कभार सुरक्षा के नाम पर आननफानन में हवाई दावे करते नही थकते लेकिन धरातल पर हालात क्या हैं इस तस्वीर को देखने के बाद कुछ भी बताने की शायद ही कोई जरूरत है ।
बीते दिन क्षेत्र की गगरेट से दौलतपुर सड़क पर ऐसा नजारा देखने को मिला जब एक स्कूटी पर 5 स्कूली छात्र सवार होकर मस्ती करते दिखे । हैरानी की बात है कि बच्चे इतनी भी समझ नही रखना चाहते कि मस्ती व सुरक्षा में सड़क सुरक्षा कितनी जरूरी है । वहीं यह तस्वीर स्पष्ट भी करती है कि अब तक रोड सेफ्टी के नाम पर छात्रों में कितनी जागरूकता आई है । प्रबुद्व वर्ग में आज के युवाओं में सड़क सुरक्षा को लेकर गम्भीरता न होना चिंता का विषय बना हुआ है वहीं प्रबुद्व वर्ग राम कुमार , देव कुमार, सुरेंद्र , सूरज का मानना है कि स्कूलों में निजी वाहनों पर बिना ड्राईविंग लाइसेंस के बच्चों को वाहनों पर भेजने वाले मातापिता भी किसी अप्रिय दुर्घटना होने के बाद भी उतने ही दोषी हैं । बताया जा रहा है कि यह तस्वीर वर्दी में स्कूटी को कार बनाकर व ट्रैफिक नियमो को ठेंगा दिखा रहे एक स्कूल के छात्रों की है। वहीं इस विषय के प्रति संवेदनशील बनकर स्कूल स्टाफ को छात्र हित व सुरक्षा के लिए कुछ समय निकालकर समय रहते विचार से करना होगा ।