ऊना :- प्रदेश में ठेकेदारों द्वारा सरकारी निर्माणाधीन कार्यों को समय रहते पूरा कर दिया गया है। और प्रदेश सरकार व विभागों की गाइडलाइन के तहत ठेकेदारों द्वारा बैंकों से ऋण लेकर निर्माण कार्यों को पूरा किया गया है, लेकिन बड़े ही दुख और विडंबना के साथ कहना पड़ रहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा ठेकेदारों को कई महीने बीत जाने के बाद भी किए गए कार्यों के पैसे नहीं दिए जा रहे हैं, जिसके चलते ठेकेदारों को बैंकों द्वारा एनपीएस खातों के नोटिस दिए जा रहे हैं और ठेकेदारों को अपने परिवार पालने के लाले पड़ गए हैं, जबकि उनके पास काम कर रहे मजदूर भी अब घर बैठ गए हैं।
यह बात शिव सेवा सह-सचिव राजीव मेनन ने ऊना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ठेकेदारों को समय पर भुगतान न किया जाना एक आहत से कम नहीं है, और कई ठेकेदार भुगतान में विलंब होने के चलते सदमे में है। उन्होंने कहा कि कई ठेकेदारों ने तो विभागों से अब काम लेना ही बंद कर दिया है, जबकि छोटे “डी” क्लास के ठेकेदार बेरोजगार हो चुके हैं, और बैंक के कर्जों के बोझ तले दब चुके हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ यहां प्रदेश में बेरोजगारी की मार है तो वहीं अगर कोई व्यक्ति या युवा कोई ना कोई काम धंधा करता है तो उसे समय पर पैसा नहीं मिल रहा है, जिसके चलते आम आदमी को रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं।
राजीव मेनन ने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि ठेकेदारों द्वारा सरकारी काम करने के उपरांत भुगतान के लिए इतना विलंब हुआ है, उन्होंने कहा कि ठेकेदारों में यह रोष भी देखा गया है कि विभाग द्वारा उनके बिल पूर्णतः तैयार करके व अंतिम भुगतान हेतु ट्रेज़री को भेज दिए गए हैं, लेकिन सरकार द्वारा ट्रेज़री में भी रोक दिए गए हैं और ट्रेज़री के अधिकारी व कर्मचारी सरकार के आगामी आदेशों का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेज़री में किसी भी अंतिम भुगतान को रोकना इतिहास में यह भी शायद पहली बार हुआ है। शिवसेना सह-सचिव राजीव मेनन ने सरकार से आग्रह किया है कि ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान समय रहते किया जाए, ताकि ठेकेदार अपने परिवार, बैंकों के कर्जों व उनके पास काम कर रहे मजदूरों का संचालन सुचारू रूप से कर सकें। इसके साथ ही राजीव मेनन ने ऐलान किया कि वह हिमाचल प्रदेश के समस्त ठेकेदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।