कुरुक्षेत्र, (अश्विनी वालिया):-गणेश उत्सव को लेकर नन्हे बच्चों में भी है काफी उत्साह
नन्हे नन्हे बच्चों भी बना रहे हैं मिट्टी से श्री गणेश की प्रतिमा
गणेश चतुर्थी से 7 सितम्बर को श्री गणेश उत्सव प्रारम्भ हो रहा है तो संस्थाओं द्वारा एवं मंदिरों में तैयारियां की जा रही हैं। हर वर्ष नगर में जगह जगह गणेश उत्सव पंडाल भी सजते हैं। देवताओं में प्रथम आराध्य श्री गणेश के उत्सव को लेकर जगह जगह बच्चों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। कुछ बच्चे अपने अभिभावकों के साथ गणेश पूजन के लिए अभी से मूर्तियां पसंद कर रहे हैं तो कुछ बच्चे अपने घरों में श्री गणेश की प्रतिमा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। साक्षी राय ने बताया कि वह अपने बेटे गुरसांज के लिए तालाब की चिकनी मिट्टी लेकर आई हैं। वह अपने बेटे के साथ भगवान श्री गणेश की छोटी से प्रतिमा बना रही हैं। इस प्रतिमा को सुखाकर बेटे से मूर्ति के सुंदर रंग करवाएंगी। इसी प्रकार मन्नत अरोड़ा ने भी बताया कि उसके बेटे जसमीत को श्री गणेश की मूर्ति बनाने का जनून है। वह मिट्टी और रंग लेकर आई हैं। रविवार को छुट्टी के दिन से मूर्ति बनाना शुरू करेंगी।
दुकानदार सतपाल बठला ने बताया कि काफी बच्चे श्री गणेश की मूर्ति बनाने के लिए रंग व सामान लेने के लिए माता पिता के साथ आ रहे हैं। स्वामी पृथ्वी पुरी ने कहा कि आज के समय में बच्चों द्वारा मूर्ति बनाना एक अच्छा प्रयास है। इससे बच्चों के ज्ञान के विकास के साथ उनकी पर्सनैलिटी का विकास होता है। उन्होंने कहा कि श्री गणेश चतुर्थी से बच्चों मंदिरों में ले जाना चाहिए। बच्चों को दस दिनों में पूजा-अर्चना और प्रसाद का काम सौंपा जा सकता है।
बच्चों से कहा जा सकता है कि वे नई-नई आरतियां और भजन याद करें। उन्होंने कहा कि बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। बच्चों को मिट्टी से श्री गणेश जी की प्रतिमाएं बनाने का हुनर सिखाया जा सकता है। बच्चों से कहा जा सकता है कि वे खुद से बनाई गई मिट्टी की श्री गणेश की प्रतिमाएं घरों में स्थापित करें।