बिलासपुर,शुभाष चंदेल :-
नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट पोर्टल पर पंजीकरण आवश्यक, राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक परिवर्तनकारी पहल है। एनएफडीपी के विकास की परिकल्पना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत की गई है, जो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक उप-योजना है। एनएफडीपीका सृजन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं। इस प्लेटफार्म का शुभारंभ मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 11 सितम्बर को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ केउपलक्ष्य पर किया है।
निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य विवेक चन्देल ने बताया कि मत्स्य पालन से जुड़े सभी मत्स्य किसानों, मत्स्यजीवियों तथा हितकारकों का इस पोर्टल पर पंजीकरण करवाना आवश्यक है। पंजीकरण के लिए सम्बंधित प्रार्थी के मोबाइल से आधार लिंक होना जरुरी है। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में लगभग 20 हजार से अधिक लोग मत्स्य व्यवसाय से जुड़े है। प्रदेश में इस समय 9 हजार 615 मत्स्यजीवी/ सदस्य जलाशय मात्स्यिकी के साथ जुडे है तथा 6 हजार 91 मत्स्यजीवी नदीय मात्स्यिकी के साथ जुड़े है तथा शेष मत्स्य किसान है जो ट्राउट तथा कार्प मत्स्यपालन के साथ जुड़ कर अपनी आजीविका कमा रहे है। इन सभी का पर पंजीकरण आनिवार्य है। उन्होंने बताया कि सभी इस लिंक पर अपना पंजीकरण स्वयं कर सकते है, लोक मित्र केन्द्र के माध्यम से भी करवा सकते है अथवा मत्स्य विभाग के जिला कार्यालयों के माध्यम भी करवा सकते है। इस सम्बन्ध में लोक मित्र केद्रों
के जिला मैनेजर को भी दिशा निर्देश प्राप्त हो चुके है तथा लोकमित्र केन्द्रों के माध्यम से पंजीकरण हेतु कैंप भी लगाए जायेंगें।
निदेशक एवम् प्रारक्षी मत्स्य ने सभी मत्स्य किसानों, मत्स्यजीवियों तथा हितकारकों से अपील की है कि सभी अपना पंजीकरण उक्त माध्यमों से जल्द से जल्द करवाएं ताकि एक सही डाटाबेस सरकार तक पहुँच सके और सरकार को जन कल्याणकारी योजनाओं को बनाने में सुविधा हो।