बंगाणा , जोगिंद्र देव आर्य:- बंगाणा की हिमुडा कालोनी में चल रही श्री मद देवी भागवत कथा के पंचम दिवस पर कथा व्यास आचार्य डॉ. सुमन शर्मा ने अमृत वर्षा करते हुए कथा सुनाई। उन्होंने जरत्कारु ऋषि और आस्तिक के जन्म से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। आचार्य जी ने बताया कि जरत्कारु का नाम ‘जरा’ और ‘कारु’ शब्दों से लिया गया है, जिसका अर्थ है शरीर का क्षय और दारुण अवस्था। उन्होंने तपस्या करके अपने शरीर को जीर्ण और क्षीण किया, जिसके कारण उनका नाम जरत्कारु पड़ा।
कथा में आस्तिक के जन्म की कथा भी सुनाई गई, जिसमें बताया गया कि कैसे जरत्कारु ऋषि ने ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए आस्तिक के रूप में एक महत्वपूर्ण पात्र को जन्म दिया।कथा के समापन के बाद भंडारे का आयोजन भी हुआ, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस धार्मिक आयोजन में कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे, जैसे दीवा साड़ी एप्प के फाउंडर और सीईओ अंकुश वर्जाता, हंसराज वर्जाता, विनोद कुमार सेंटी, आर बी राणा, माया देवी, मदन गोपाल बोहरा, राजन सोनी, बिंदू सोनी, अजमेर सिंह कुटलैहडिया, और अन्य कई श्रद्धालु।यह कथा न केवल धार्मिक रूप से प्रेरणादायक थी, बल्कि इसने समाज में संस्कार और आध्यात्मिक जागरूकता को भी बढ़ावा दिया।