बंगाणा, जोगिंद्र देव आर्य :-बंगाणा के राजकीय माध्यमिक पाठशाला चडोली को बंद करने का ग्रामीणों ने किया विरोध। स्कूल प्रांगण में एसएमसी की बैठक कर सरकार के आदेश पर जताया कड़ा विरोध।
राजकीय माध्यमिक पाठशाला चडोली को प्रदेश सरकार की ओर से बंद करने की नोटिफिकेशन कर स्थानीय पंचायत,स्कूल प्रबंधन समिति सहित ग्रामीणों ने स्कूल प्रांगण में बैठक कर कड़ा विरोध किया है। उन्होंने राज्य सरकार को दोबारा विचार करने की सलाह दी। स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान पंकज कुमार एवं स्थानीय पंचायत सदस्य चडोली चरंजीलाल, राम किशन, जमीत सिंह,पवन कुमार आदि दर्जनों लोगों ने बैठक करके प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग के एलिमेंट्री विभाग ऊना के डिप्टी डायरेक्टर एवं कुटलैहड विधानसभा क्षेत्र विधायक विवेक शर्मा को चेताया है कि वर्तमान समय में स्कूल में पांच बच्चे मिडिल स्कूल में पढ़ते हैं।
क्योंकि उक्त स्कूल बंद हुआ तो इन बच्चों को 4 किलोमीटर की दूरी तय करके तलमेहडा स्कूल जाना पड़ेगा। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि मिडिल स्कूल चडोली गांव चम्वोआ,कोकरा,बुहाणा आदि के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल बंद होने पर आप बच्चों को 4 किलोमीटर की दूरी तय करके तलमेहडा स्कूल में जाना पड़ेगा। अगर यह फैसला बदला ना गया तो वह हम आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान पंकज कुमार के नेतृत्व में स्थानीय ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि स्कूल को बंद ना किया जाए क्योंकि भौगोलिक स्थिति से यह गांव काफी दूर-दूर तक फैला हुआ है और नन्हे बच्चों की करीब 4 किलोमीटर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तलमेहडा या राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनेत के लिए 6 किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ेगा।
ग्राम पंचायत डीहर के पंचायत सदस्य चरंजी लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि सन 1977 में यह स्कूल खुला था और स्थानीय लोगों ने 8 कनाल भूमि स्कूल को दान की है। उन्होंने बताया कि 5 बच्चे मिडिल स्कूल चडोली में पढ़ रहे हैं। वर्तमान में भले ही बच्चों की संख्या 5 रह गई है परंतु भविष्य में इसकी संख्या बढ़ भी सकती है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि शीघ्र ही स्कूल के बंद करने की नोटिफिकेशन को रद्द कर बहाल किया जाए। स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान पंकज कुमार एवं ग्रामीणों ने इकट्ठे होकर इस संबंध में शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ऊना को एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को इन तथ्यों के बारे में अवगत करवाया गया है।