रक्षाबंधन सभी पर्वों में एक अनोखा पर्व ही नहीं, भारत की संस्कृति तथा मानवीय मूल्यों को उजागर करने वाला, अनेक आध्यात्मिक रहस्यों को प्रकाशित करने वाला और भाई-बहन के वैश्विक रिश्ते की स्मृति दिलाने वाला एक परमात्म-उपहार है।
इस पावन पर्व पर परमात्मा शिव स्वयं आकर रक्षा-सूत्र बाँधने का आध्यात्मिक रहस्य सभी आत्माओं को समझाते हैं कि बहन, भाई के मस्तक पर चंदन का तिलक लगाती है जो शुद्ध, शीतल और सुगंधित जीवन जीने की प्रेरणा देता है। तिलक दायें हाथ से किया जाता है तथा राखी भी दायें हाथ पर बाँधी जाती है। यह विधि हमें यह प्रेरणा देती है कि हम सदा राइट अर्थात् सकारात्मक चिंतन करते हुए राइट अर्थात् श्रेष्ठ कर्म ही करें जिससे आत्मा अनिष्ट परिणामों से, दुःखी व अशांत होने से सुरक्षित रहेगी। मिठाई खिलाने के पीछे भी मन को और संबंधों को मीठा बनाने का राज़ भरा है।
रक्षाबंधन के पावन पर्व के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज ऊना द्वारा प्रतिवर्ष शहर की सेवा के निमित्त मुख्य व्यक्तियों को पवित्र रक्षा सूत्र बांधकर तथा उन्हें परमपिता परमात्मा शिव का संदेश देकर पवित्रता की शक्ति द्वारा संपन्न बनाया जाता है। पवित्र ब्रह्माकुमारी बहने रक्षासूत्र के माध्यम से समाज के हर वर्ग के जीवन में सुख शांति एवं खुशहाली की कामना करती हैं।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ब्रह्माकुमारी बहनों ने अपना यह रक्षा सूत्र बांधकर सबको परमात्मा का दिव्य संदेश 'योगी बनो पवित्र बनो' देने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इसी क्रम में ब्रह्माकुमारीज ऊना के द्वारा बीके आशा दीदी तथा बीके बबीता बहन मेहतपुर ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एडिशनल एसपी) श्री संजीव भाटिया, एसडीएम श्री विश्व मोहनदेव चौहान, सीडीपीओ श्री कुलदीप दयाल, तहसीलदार कल्याण वेलफेयर श्री जितेंद्र शर्मा आदि प्रमुख हस्तियों को रक्षा सूत्र बांधकर पवित्रता का संदेश दिया तथा राजयोग द्वारा जीवन में सुख शांति का अनुभव करने का आह्वान किया
ब्रह्माकुमारीज ने वीआईपीज को बांधी प्यार की डोर
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