कुरुक्षेत्र, अश्वनी वालिया :-
भाजपा नेता कमलजीत राणा के फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। हालांकि उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी वफादारी जताते हुए कहा कि वह भाजपा के उम्मीदवार को हर संभव मदद करेंगे। पार्टी अब उनके स्थान पर किसी नए प्रत्याशी की घोषणा करेगी।भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव के चलते घोषित किए गए प्रत्याशियों पर विरोध भारी पड़ने लगा है। कड़े विरोध के चलते ही नामांकन से एक दिन पहले पिहोवा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी कवलजीत सिंह अजराना ने मैदान छोड़ दिया है। उन्होंने प्रदेशा ध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को इस संबंध में पत्र भी भेजा है।अजराना ने मंगल वार को सेक्टर तीन स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता कर यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली तथा मुख्य मंत्री नायब सैनी व पूर्व मुख्य मंत्री मनोहर लाल के आभारी हैं, जिन्होंने उन पर भरोसा कर चुनाव लड़ने का मौका दिया था लेकिन क्षेत्र के लंबे समय से पार्टी से जुड़े कार्य कर्ता लगातार विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को मनाने के भरसक प्रयास किए लेकिन वे उनके चुनाव लड़ने पर राजी नहीं है। ऐसे में उन्होंने बड़े दुखी मन के साथ चुनाव न लड़ने का निर्णय लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले कार्यकर्ता ओं में उनके अपने समाज से जुड़े लोग भी है और ऐसे
अपने समाज व भाईचारे को निराश कर वे चुनाव नहीं लड़ सकते। ऐसे माहौल में पार्टी की जीत पर भी असर पड़ सकता है।
अब पार्टी जिसे भी मैदान में उतारेगी उसका भरपूर समर्थन करेंगे। अजराना ने बताया कि वे टिकट मिलने से गदगद थे और पूरी रणनीति के साथ अपना चुनाव प्रचार भी तेज कर दिया था। यहां तक कि उन्होंने चुनाव कार्यालय खोल लिया था तो सोमवार को भी दिन भर समर्थकों व कार्यकर्ता ओं के साथ प्रचार में जुटे रहे। बुधवार को नामांकन भरने की भी पूरी तैयारी कर ली थी। उनके नामांकन में राज्यमंत्री सुभाष सुधा, सांसद नवीन जिंदल व कई अन्य बड़े नेता भी शामिल होने थे। लेकिन जब विरोध जता रहे लोग नहीं मानें तो उन्होंने चुनाव लड़ने से पीछे हटना पड़ा। अजराना ने बताया कि जब सोमवार देर रात को प्रदेशा ध्यक्ष को पत्र भेजकर चुनाव लड़ने से इंकार किया तो उसी समय प्रदेशाध्यक्ष ने कॉल कर कहा पार्टी ने टिकट न बदलने का फैसला किया है। लिए गए निर्णय पर फिर से विचार कर लें। सुबह फिर प्रदेशाध्यक्ष ने उन्हें चुनाव लड़ने को लेकर कहा, लेकिन उन्होंने स्पष्ट इंकार कर दिया है। उन्हें यह भी कहा कि पार्टी अब जिसे भी टिकट देगी वे उनका भरपूर समर्थन करेंगे।