बद्दी,स्वास्तिक गौतम:-गुर्जर संस्कृत का एक पवित्र शब्द है जिसका अर्थ है कि जो बाहरी शत्रुओं से रक्षा करे और आंतरिक शत्रुओं का दमन करे उसे गुर्जर या गुज्जर कहते है। ये शब्द हिंदुस्तान तिब्बत सहयोग मंच के संयोजक व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अधिकारी इंद्रेश कुमार ने नालागढ़ के निकट महादेव में शिवशंकर गौशाला में आयोजित समाज सम्मेलन में बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि समाज की विशेषता रही है वह है भक्ति।उन्होंने जम्मू कश्मीर के गुर्जरों के बारे में बात करते हुए कहा कि वहां का अधिकांश गुर्जर समाज इस्लाम में धर्मांतरित हो चुका है किंतु आज भी देश भक्त है। इनमें से आतंकी नहीं बना न हीं कोई युवक भटका। यदि कोई गलती से भटक भी गया तो जल्दी वापिस भी आ गया। उन्होंन कहा गुर्जर समाज में पशुपालन का कार्य महिला पुरुष मिलकर करते है तो वे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश अच्छी तरह दे सकते है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे प्रण लें कि कभी गाली गुस्सा नफरत नहीं करेंगे।कार्यक्रम के दौरान
इस सम्म्मेलन का आयोजन बीबीएन गुर्जर समाज परिषद द्वारा किया गया था।कार्यक्रम की अध्यक्षता यश ने की। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार मुख्य वक्ता के रूप उपस्थित रहे थे। कार्यक्रम के दौरान गुर्जर समाज के प्रमुख लोगों को सम्मानित किया जिन्होंने समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इनमें प्रमुख समाज सेवा विद्या रत्न , कबड्डी के क्षेत्र में नाम कमाने वाले राहुल , संजू , विक्रम , जरनैल , कुश्ती के क्षेत्र में बंटी, पप्पू, अंकुश, मोहित,
डॉक्टर साक्षी , दीपिका , राजीव , सुरेश, बलराम, विकास, दौलत राम , गुरमेल, राकेश , सतनाम सहित अन्य लोगों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर गुज्जर समाज कल्याण परिषद् बीबीएन के अध्यक्ष हरिचंद, सामाजिक सद्भाव प्रमुख जितेंद्र, महेश कौशल, श्रवण कुमार, हरमेश, कविता शांति गौतम, प्रेम गौतम,किशोरी लाल, स्वास्तिक गौतम सहित अन्य लोग उपस्थित थें।