पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए विकास और प्रदेश की जनता के हित सर्वोपरि नहीं है बल्कि उनका एकमात्र एजेंडा मित्रों व परिवार को तरजीह देना रहा है। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। युवाओं के लिए रोजगार के दरवाजे बंद पड़े हैं। लेकिन मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ अपने मित्रों और अपने परिवार का कल्याण सुनिश्चित करने में लगे हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में 18 से 60 साल आयु वर्ग की महिलाओं को प्रतिमाह ₹1500 का भत्ता देने का वादा किया गया था लेकिन अब सरकार ने अपने इस वायदे को पूर्ण करने पर भी कई शर्तें थोप दी है। अगर एक विधानसभा क्षेत्र में 25 हजार के करीब महिलाएं इस भत्ते की पात्र बनती हैं तो उनमें से सिर्फ 3000 महिलाओं को ही सुक्खू सरकार यह भत्ता देगी जबकि बाकी की महिलाओं के साथ विश्वास घात किया जा रहा है और उनकी अनदेखी की जा रही है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री प्रदेश का खजाना खाली होने का आए दिन राग अलाप रहे हैं और दूसरी तरफ अपने मित्रों पर प्रदेश का खजाना लूटा रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद वह अपने मित्रों के साथ-साथ अपने ही परिवार के कल्याण में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुशासन में जनता त्राहि त्राहि रही कर रही है लेकिन मुख्यमंत्री, उनके मित्र और परिवार चैन की बंसी बजा रहा है। जनता के दुख दर्द से इन सब का कोई लेना देना नहीं है।
विकास की बजाय मित्र और परिवार ही मुख्यमंत्री का प्रमुख का एजेंडा: राजेंद्र राणा
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