ऊना ,ज्योति स्याल :-जिला ऊना मुख्यालय के साथ लगते कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के अधीन आते समूर कलां में आज विश्व हिंदू परिषद के बजरंगदल ने संयुक्त रूप से त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिस में नीरज धनोरिया,राष्ट्रीय संयोजक विश्व हिंदू परिषद,तुषार डोगरा, प्रान्त संयोजक विहिप ने शिरकत की,इस मौके पर राष्ट्रीय संयोजक विहिप नीरज धनोरिया ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पूरे हिमाचल प्रदेश में त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम आयोजित की जा रहा है और आज मुझे ऊना के कार्यक्रम के आने का मौका मिला है मैं समस्त कार्यकर्तों ओर पद्दधिकारियो का धन्यवाद करता हु।
उंन्होने कहा कि
त्रिशूल दीक्षा का उद्देश्य न केवल शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाना है, बल्कि यह हिंदू धर्म की रक्षा, समाज में जागरूकता और समरसता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए भी है।उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को अपनी जड़ें पहचानने और अपने धर्म के प्रति निष्ठा बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में बढ़ते हुए विभिन्न प्रकार के भेदभाव और जात-पात की खाइयों को समाप्त करने के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा। यही कार्य विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है।
वही विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश संयोजक तुषार डोगरा ने कहा कि हिंदू धर्म की सशक्त पहचान को समझाने का प्रयास किया जाता है। इस कार्यक्रम के जरिए, वे न केवल अपनी धार्मिक मान्यताओं के प्रति निष्ठा बढ़ाते हैं, बल्कि अपने समुदाय और समाज की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी का अहसास भी करते हैं।त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन एक ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यह क्षेत्र में हिंदू समाज की एकता और शक्ति को पुनः स्थापित करने का प्रयास है। इस आयोजन में सैंकड़ों युवाओं ने भाग लिया और त्रिशूल के साथ-साथ हिंदू धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को प्रदर्शित किया।वही सत्यदेवनन्द सरस्वती ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की रक्षा और उसे सुरक्षित रखने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद का उद्देश्य यही है कि आने वाली पीढ़ियों को एक मजबूत और सशक्त समाज बनाने के लिए तैयार किया जाए, जो अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक और प्रतिबद्ध हो। उन्होंने बताया कि समाज में व्याप्त असमानता, भेदभाव और विभाजन को समाप्त करने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता है, ताकि हर व्यक्ति को समान अवसर मिले और समाज में शांति और सद्भावना का माहौल बन सके।