हिमाचल प्रदेश न्यूज:- व्यवस्था परिवर्तन करने वाली सरकार पर मीडिया प्रभारी करण नंदा ने जमकर हमला बोला और लगाए आरोप,और प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही शुरू हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु पहुंचे घर द्वार कार्यक्रम नहीं था बल्कि यह कार्यक्रम घर द्वार जा कर युवाओं से छीना रोजगार का अवसर … कर्ण नंदा भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी।
हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन करने आई सुक्खू सरकार आज खुद अव्यवस्थित हो कर रह गई है । आज सुक्खू सरकार केवल द्वेष की राजनीतिक कर रही है पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकासात्मक कार्यों को बंद करने का काम कर रही है । पूर्व की सरकारों को द्वारा सृजित किए गए पदों को समाप्त कर रही है । केंद्र द्वारा प्रदेश में चलाई जा रही विकासात्मक योजनाओं के लिए जो धन राशि भेजी गई थी वह प्रदेश सरकार खर्च नहीं कर पाई जिसके चलते सरकार की ट्रेज़री से 20 हजार करोड़ वापिस भेजना पड़ा क्यूंकि उसे प्रदेश सरकार खर्च नहीं कर पाई ।
हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी करण नंदा ने वर्तमान व्यवस्था परिवर्तन वाली सुक्खू सरकार के ऊपर जमकर हमला बोला और आरोप लगाते हुए कहां की सत्ता में व्यवस्था परिवर्तन करने आई सुक्खू सरकार आज खुद अव्यवस्थित होकर और केवल मित्रों की सरकार बनकर रह गई है। सत्ता में आने से पहले कांग्रेस सरकार ने प्रत्येक वर्ष 1 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी और आज आलम यह हो चुका है कि प्रदेश सरकार ने एक नोटिफिकेशन निकाल कर हजारों युवाओं को बेरोजगार करने के आदेश दे दिए हैं हालांकि इस पर मुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा था कि जिन पोस्टों की आवश्यकता नहीं है उन्हें डिपार्टमेंट के माध्यम से समाप्त कर या मर्ज कर और नियुक्तियां करने के लिए पोस्ट भेजने को कहा गया है। वहीं इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि जहां एक और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय सरकार के समक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मंत्री बंद दरवाजे में प्रदेश में आर्थिक संकट से भरने के लिए आर्थिक मदद की मांग करते हैं
और प्रदेश में आने के बाद वह जनता के समक्ष यह कहते फिरते हैं कि यह तो हमारा हक था जो हमें मिल रहा है। उन्होंने कांग्रेस सरकार के ही वरिष्ठ पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के उत्कृष्ट कार्यो का हवाला देते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह एक ऐसे मुख्यमंत्री थे जो प्रदेश में एक बच्चे के लिए भी शिक्षा संस्थान खोलने की बात करते थे परंतु अब व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार शिक्षा संस्थानों को बंद करना अथवा मर्ज करने के बाद करती है। यदि हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार का हाथ ना हो तो व्यवस्थाओं का आलम चरम पर पहुंच जाएगा क्योंकि जो भी परियोजनाएं प्रदेश में चल रही हैं वह केवल केंद्र सरकार द्वारा दी गई परियोजना ही प्रदेश में फल फूल रही है। वर्तमान सरकार तो डीपीआर तक बना कर केंद्र सरकार को नहीं भेज पा रही है जिसके चलते 20 करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च किए बिना ही केंद्र को वापस लौटना पड़ी। करणनंदा ने कहा कि वर्तमान सरकार जो स्टार्टअप योजना युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाई गई है वह प्रदेश सरकार की ओर से योजना नहीं है बल्कि देश के प्रधानमंत्री ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए इस तरह की योजना शुरू की गई थी।