सिरमौर,जीडी शर्मा:-हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के राजगढ़ उपमंडल के हाब्बन क्षेत्र का लाल लायंस नायक प्रवीण शर्मा (जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया। शनिवार दोपहर को शुरू हुई इस मुठभेड़ में हाब्बन के पालू गांव के शहीद प्रवीण शर्मा ऑपरेशन रक्षक का हिस्सा थे। देर शाम भारतीय सेना ने शहीद प्रवीण के परिवार को उनकी शहादत की सूचना दी। सिरमौर प्रशासन को फर्स्ट पैरा के प्रवीण शर्मा की शहादत की सूचना मिल गई थी, जिसके बाद शहीद के परिवार से भी संपर्क किया गया। बताया जा रहा है कि शहीद की पार्थिव देह को शनिवार दोपहर बाद ऑपरेशन क्षेत्र से लिफ्ट करने के प्रयास शुरू कर दिए गए थे। इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि रविवार सुबह पार्थिव शरीर को ऑपरेशन क्षेत्र से निकाला गया था या नहीं। रविवार को पार्थिव शरीर के घर पहुंचने की उम्मीद नहीं है। प्रशासन को सेना से मिले संदेश के मुताबिक, पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ लाया जाएगा, जहां से पैतृक गांव भेजा जाएगा। नाहन के स्टेशन हेडक्वार्टर को शहीद के अंतिम संस्कार के लिए उचित कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। शहीद प्रवीण अपने पीछे मां रेखा शर्मा और पिता राजेश शर्मा को छोड़ गए हैं।
जानकारी के मुताबिक अनंतनाग के गडोल में घिरते देख आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंका और फिर गोलीबारी की। घायल हुए अन्य चार जवानों की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। भारतीय सुरक्षाबलों ने तमाम रास्ते बंद कर उन्हें मार गिराने का अभियान तेज कर दिया। बताया यह भी जा रहा है कि यह वही आतंकी दल है, जो डोडा में सैन्य दल पर हमला कर भागा था। एक अन्य जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की टीम के लौटने के अगले ही दिन शनिवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच ये भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें दो सैन्यकर्मी वीरगति को प्राप्त हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स में ग्रामीणों पर आतंकियों के मददगार होने का भी संदेह है, ऐसे में उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है। यह भी जानकारी है कि रविवार सुबह तक भी इलाके में सेना ने घेराबंदी की हुई थी। घेराबंदी में तीन आतंकियों के फंसे होने की सूचना भी आ रही थी। हालांकि सेना की पुष्टि नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि यह वही आतंकी दल है, जिसने 16 जुलाई को डोडा जिले के देसा क्षेत्र में एक सैन्य दल पर घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में एक कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मी बलिदान हुए थे।
ऑपरेशन रक्षक जून 1990 में जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद के चरम पर शुरू किया गया एक आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन है। शहीद प्रवीण शर्मा को भी इसके लिए चुना गया था,वो अदम्य साहस का परिचय देने के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए है। उधर, सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक, रिटायर्ड मेजर दीपक धवन ने कहा कि जवान की शहादत का संदेश मिला है। परिवार को सूचना सेना ने दे दी थी। उपायुक्त सुमित खिमटा से उचित कार्रवाई के निर्देश मिले हैं। प्रशासन की टीम और सेना की टुकड़ी शहीद के पैतृक गांव पहुंच रही है