हमीरपुर,जीवन कुमार:-सिलेबस पूरा करने तक सीमित न रहें शिक्षक : राजेश धर्माणी,विकसित भारत और आदर्श समाज के निर्माण में शिक्षक की भूमिका को सर्वोपरि बताया, नगर एवं ग्राम नियोजन (टीसीपी), आवास और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने शिक्षकों से अपील की है कि वे अपनी भूमिका को केवल सिलेबस पूरा करने तक ही सीमित न रखें। उनके ऊपर तो बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और देश एवं समाज के लिए आदर्श, चरित्रवान एवं संवेदनशील पीढ़ी तैयार करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
शुक्रवार को हमीरपुर के निकटवर्ती गांव गजोह के राज पैलेस में पारुल विश्वविद्यालय वडोदरा द्वारा आयोजित प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों के सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए राजेश धर्माणी ने कहा कि एक बच्चे की जिंदगी में बदलाव लाने से बड़ा कोई और प्रोजेक्ट नहीं हो सकता है। इसलिए, शिक्षक की भूमिका को सर्वोपरि माना जाता है।उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर हमारे देश ने अभूतपूर्व तरक्की की है तो उसमें शिक्षकों का भी बहुत बड़ा योगदान है।राजेश धर्माणी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शिक्षकों की महत्ता को अधिमान देते हुए उनके लिए सम्मानजनक वेतनमान की व्यवस्था की थी, ताकि इस प्रतिष्ठित एवं पवित्र व्यवसाय में बेस्ट लोग आ सकें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा पर लगभग 20 प्रतिशत बजट खर्च कर रही है और सरकारी शिक्षण संस्थानों में हाईली क्वालिफाईड एवं प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्तियों की जा रही हैं। लेकिन, शिक्षकों के इस ज्ञान के भरपूर उपयोग और इससे बच्चों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव में कहीं न कहीं कमी नजर आ रही है। सभी शिक्षकों को इस पर विचार करने की आवश्यकता है।