भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने बुधवार को बिलासपुर में कांग्रेस सरकार द्वारा 2 वर्ष के कार्यकाल पूरा होने पर आयोजित की गई रैली को फ्लॉप करार देते हुए इसे उपलब्धियां का नहीं बल्कि नाकामियों का जश्न बताया है । प्रेस को दिए अपने बयान में धर्मानी ने कहा यह रैली सरकार की उपलब्धियां के लिए नहीं बल्कि सरकार की अंतर्कलह के लिए जरूर याद की जाएगी ।।क्योंकि जिस तरह से मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भाषण पूरा करने से रोका गया उससे साफ जाहिर हो गया कि सरकार में अभी भी गुटबाजी चरम पर है तथा सरकार के अंदर कुछ भी सही नहीं चल रहा है । सरकार और वीरभद्र गुट में अभी भी 36 का आंकड़ा है तथा दोनों गुटों में अंदरुनी तकरार आज भी बरकरार है। यह बात जग जाहिर हो गई की आज भी यह सरकार वेंटिलेटर पर है और जल्द ही अपने ही बोझ से गिर जाएगी ।उन्होंने कहा कि इस रैली में जिस तरह से उपमुख्यमंत्री द्वारा डीजीपी तथा चीफ सेक्रेटरी को बार-बार निशाने पर लिया गया ।उससे साफ जाहिर हो गया कि सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा अब अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर फोड़ना चाहती है। यही कारण है कि इस पूरी रैली में अफसर शाही को टारगेट किया गया। और यह बात जग जाहिर हो गयी कि सरकार की प्रशासन पर कोई पकड़ नहीं है । लोगों को यह बताने का प्रयास किया गया कि सरकार के 2 बर्षों की इस नाकामीयो का सबसे बड़ा कारण प्रदेश की अफसरशाही है ।
धर्मानी ने कहा कि पिछले दो वर्षों से वित्तीय संकट का रोना रोने वाली इस सरकार ने बिलासपुर में आयोजित की गई इस रैली पर करोड़ों रुपए खर्च किये गए लेकिन बिलासपुर के हिस्से में कुछ नहीं आया ।।बिलासपुर के लोग आस लगाए बैठे थे इस रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री बिलासपुर को करोड़ों की सौगात देकर जाएंगे ।लेकिन आखिर में लोगों के हाथ कुछ नहीं लगा और मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री समोसा कांड से लेकर टॉयलेट टैक्स में ही उलझे रहे।धर्माणी ने कहा कि सरकार के पास इस रैली में भाजपा को कोसने के अलावा ऐसा कुछ नहीं था जिसे वह अपनी उपलब्धि बता सकती । जबकि परिवहन निगम तथा निजी बसों का इस्तेमाल कर प्रदेश भर के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेवजह परेशान किया गया इन गाड़ियों की रैलियां में जाने के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा ।।एक तरफ लोग परेशानियों से जूझते नजर आए और दूसरी तरफ सरकार नाकामियों का जश्न मनाने में व्यस्त रही।