बंगाणा,जोगिंद्र देव आर्य:-उपमंडल बंगाणा के हिमुडा कालौनी के बाबा पहाड़िया मंदिर कमेटी के सौजन्य से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी देवी भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास आचार्य डॉ सुमन शर्मा जी ने रेवती नक्षत्र के बारे में विस्तार से बताया। कथा व्यास ने कहा कि ऋत्बाक मुनि के श्राप के कारण पतंग हो गया था। बाद में प्रमुच मुनि द्वारा रेवती नक्षत्र को दोबारा स्थापित किया। कथा व्यास ने कहा कि 27 नक्षत्रों में से एक रेवती नक्षत्र है। जिस का बहुत महत्व है। रेवती नक्षत्र गंडमूल में प्रमुख नक्षत्र माना जाता है। कथा व्यास डॉ सुमन शर्मा ने कहा कि श्री मद देवी भागवत कथा का सार मनुष्य के जीवन से जुड़ा है। क्योंकि किस प्रकार भगवती देवी द्वारा संसार का संचालन ओर कैसे द्वापर से कलयुग आने पर किस ऋषि द्वारा द्वापर के अंतिम राजा को श्राप दिया गया। ओर कैसे उन्होंने जीवन में मोक्ष की प्राप्ति की। इस श्री मद देवी भागवत कथा में बताया गया है। कथा व्यास ने कहा कि कथा सुनने का एक महत्व है। कथा श्रवण करते समय मन को एकाग्र रखकर कर भगवान के चरणों का ध्यान करते हुए कथा श्रवण करनी चाहिए। ताकि कथा का सार हमारे मन में आकर हमें प्रभु के साकार दर्शन हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रभु सिमरन ही मनुष्य को भव सागर पार करवा सकता है। प्रभु सिमरन से मनुष्य सफलता की मंजिल को प्राप्त करता है।
कथा विराम के बाद सभी श्रद्धालुओं को भंडारे का प्रसाद वितरण किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण करके भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। ज्ञात रहे बंगाणा हिमुडा कलौनी में प्रथम बार हो रही श्री मद देवी भागवत कथा को सुनने के लिए श्रोतागणों की भीड़ देखी जा रही है। हालांकि इससे पहले श्री मद भागवत कथा श्री राम कथा होती आई है। लेकिन इस बार आयोजकों द्वारा श्री मद देवी भागवत कथा सुनाने के लिए कथा व्यास आचार्य डॉ सुमन शर्मा जी से निवेदन किया है। इस मौके पर दीवा साड़ी एप्प के फाउंडर एवं सीईओ देश के प्रथम युवा व्यवसाई अंकुश वर्जाता, हंसराज वर्जाता,ज्योति वर्जाता, विनोद कुमार सेंटी, आर बी राणा, माया देवी मदन गोपाल बोहरा, राजन सोनी,बिंदू सोनी, अजमेर सिंह कुटलैहडिया,रणबीर पठनीया, कुशला पठनीया, विनोद कुमार शर्मा, अंजू शर्म, बबीता कुटलैहडिया, शिव कुमार वर्जाता,सुमन वर्जाता, रक्षा सोनी,मधु बोहरा,सुशील बाबा,सुरेन्द्र राणा, राकेश शर्मा,बलदेव शास्त्री,नरेंद्र शर्मा, कमल देव शास्त्री आदि सैकंडों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।