ऊना:-मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने समोसा न मिलने का गुस्सा अब जंगली मुर्गे पर उतारा है। यह बात भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जसविंद्र सिंह मौनू, भाजयुमो ऊना मंडल के अध्यक्ष रुपिंद्र सिंह दैहल, महामंत्री लविश गर्ग, अनीश ठाकुर ने संयुक्त बयान में कहीं। भाजयुमो नेताओं ने कहा कि सीएम के डिनर में जंगली मुर्गा सर्व करना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सीएम के डिनर मेन्यू में जंगली मुर्गा परोसने को लेकर क्या वन विभाग कार्रवाई करेगा? उन्होंने कहा कि डिनर के दौरान सीएम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें सीएम खुद कह रहे है कि जंगली मुर्गा आप कैसे मार सकते है। सीएम यह भी कह रहे है कि वह मीट नहीं खाते है, लेकिन टेबल पर बैठे अन्य लोगों को जंगली मुर्गा खाने के लिए कह रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जंगली मुर्गा संरक्षित जीवों में आता है और इसके शिकार पर प्रतिबंध है।
इसके बावजूद सीएम के डिनर मेन्यू में इसे शामिल किया गया है। आखिर किसने सीएम का डिनर मेन्यू बनाया। क्या जंगली मुर्गे को मारने वालों पर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई होगी? भाजयुमो नेताओं ने कहा कि सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार लोगों की समस्या हल करने के बजाय पिकनिक मना रही है। जनमंच कार्यक्रमों में जाकर जंगली मुर्गो के चटकारे ले रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो साल मौज मस्ती में ही निकाल दिए। इन्हें जनता की कोई फ्रिक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह से ठप होकर रह गए है। लोगों पर टैक्स पर टैक्स थोपे जा रहे है। इसके बावजूद भी सरकार की हालत खस्ता है। आखिर इतने भारी टैक्सो से अर्जित किया जा रहा पैसा कहां जा रहा है? उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि दो वर्षो से कांग्रेस सरकार विवादों में ही फंसी हुई है। कभी समोसे को लेकर सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू देश भर में हंसी का पात्र बन रहे है तो कभी एचआरटीसी में कुकर का किराया लिया जा रहा है।सरकार ने दो वर्ष एक दूसरे की टांग खिचाई में ही निकालेभाजयुमो नेताओं ने कहा कि कांगे्रस सरकार ने दो वर्ष एक दूसरे की टांग खिचाई में ही निकाल दिए। जनता से किए वायदे पूरे नहीं किए गए। महिलाओं आज भी 15 सौ रुपए का इंतजार कर रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिला। 300 यूनिट फ्री बिजली नहीं मिली। पूर्व भाजपा सरकार के समय खुले संस्थान बंद कर दिए गए।