हरियाणा :-गौ माता को ‘राष्ट्रीय मां’ का दर्जा दिलाने हेतु आंदोलन के 67वें दिन, मूवमेंट कल्कि ने स्वर्गीय पूजनीय श्री द्वारकानाथ शास्त्री जी की समाधि पर जाकर किया आशीर्वाद ग्रहण
मूवमेंट कल्कि द्वारा गौ माता को ‘राष्ट्रीय मां’ का दर्जा दिलाने, सनातन बोर्ड के गठन और गौ संरक्षण के लिए कड़े कानून बनाने की मांग को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन आज अपने 67वें दिन में प्रवेश कर चुका है। यह आंदोलन न केवल सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का प्रतीक है, बल्कि समाज में धार्मिक व सामाजिक चेतना का विस्तार कर रहा है।पूजा-अर्चना और आशीर्वाद कार्यक्रमआज मूवमेंट कल्कि के सदस्यों ने जम्मू स्थित स्वर्गीय पूजनीय श्री द्वारकानाथ शास्त्री जी की समाधि पर जाकर पूजा-अर्चना की और गंगू महाराज के दर्शन किए। वहां की पुण्य भूमि से आशीर्वाद लेकर, आंदोलन को मजबूती प्रदान करने और अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का संकल्प लिया गया।कटरा में समर्थनमूवमेंट कल्कि के वालंटियर्स ने कटरा में पहुंचकर वहां की संघर्ष समिति द्वारा आयोजित बंद का समर्थन किया। श्री अर्जुन ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलनकारी समिति से मुलाकात की और इस बात का आश्वासन दिया कि मूवमेंट कल्कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। साइन बोर्ड के विरोध में समिति द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करते हुए मूवमेंट कल्कि ने बेरोजगारी और जनता पर इसके प्रतिकूल प्रभावों को उजागर किया।
धार्मिक स्थलों पर आशीर्वाद
आज के कार्यक्रम में मूवमेंट कल्कि के वरिष्ठ सदस्य, जिनमें श्री करनैल चंद जी, प्रीतम शर्मा जी, जसपाल शर्मा जी, मोनिका शर्मा जी, विक्रम महाजन जी, और सुनीता कुंडल जी शामिल थे, ने विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर आशीर्वाद लिया। स्थानीय सरपंच बलबीर सिंह ने मूवमेंट कल्कि के सदस्यों का स्वागत किया और आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की।आंदोलन की प्रतिबद्धता मूवमेंट कल्कि ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक गौ माता को ‘राष्ट्रीय मां’ का दर्जा नहीं दिया जाता और सनातन बोर्ड का गठन नहीं होता, यह आंदोलन अनवरत चलता रहेगा। संगठन ने जनता और सनातन धर्म के अनुयायियों से सक्रिय रूप से जुड़ने और इस आंदोलन को और सशक्त बनाने की अपील की है।मीडिया से अपीलमूवमेंट कल्कि मीडिया और समाज से अपील करता है कि वे इस आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने और सनातन संस्कृति व गौ माता के सम्मान को सुरक्षित करने में अपना योगदान दें। यह आंदोलन समाज के हर वर्ग को जोड़ने और हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास है।