ऊना, ज्योति स्याल
जिले में पारा चढ़ने के साथ ही लोगों में त्वचा संबंधित रोग भी बढ़ने शुरू हो गए हैं। इन दिनों क्षेत्रीय अस्पताल ऊना की ओपीडी में रोजाना त्वचा रोग से संबंधित 40 से 50 मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, फंगल इंफेक्शन के मामले भी सामने आना शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों को त्वचा की विशेष देखभाल करने की सलाह दे रहे हैं।विशेषज्ञों के अनुसार गर्मियों में त्वचा की गर्मी और पसीना बढ़ जाने से स्किन पोर्स खुल जाते हैं। इससे फंगस को और जल्दी फैलने का मौका मिलात है। यह समस्या अक्सर लोगों को परेशान करती है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा पाई जाती है, जो शरीर की साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। फंगल इंफेक्शन की पहचान कुछ आम लक्षणों से होती है जैसे कि खुजली, लालिमा, त्वचा पर दाने या छिलके आदि। इन लक्षणों को नजर अंदाज करने पर यह समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है।ऐसे करें बचाव
फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए प्रतिदिन ताजे और ठंडे पानी से नहाएं। टैंक और गीजर का पानी इस्तेमाल न करें। त्वचा के लिए एंटीबैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करें। झोलाछाप से इलाज न कराएं और अपनी मर्जी से दवा न लें। पहले से इंफेक्शन है तो पहनने के कपड़ों को गर्म पानी में उबालकर धोएं और धूप में अच्छे से सुखाएं। अंडर गारमेंट प्रतिदिन बदलें, तौलिए को धूप में अच्छे से सुखाएं। इंफेक्शन से ग्रसित मरीज के कपड़ों को परिजनों के कपड़ों से अलग धुलें। शरीर के कोमल हिस्सों जैैसे बगल, जांघ और उंगलियों के बीच के हिस्से को साफ और सूखा रखें। गर्मियों में तंग कपड़े न पहनें।
गर्मियों के दिनों में पसीने के कारण फंगल इंफेक्शन के मामले अक्सर बढ़ जाते हैं। इन दिनों ओपीडी में रोजाना 40 से 50 लोग फंगल इंफेक्शन से पीड़ित पहुंच रहे हैं। उनका उपचार किया जा रहा है। लोग फंगल इंफेक्शन के लक्षण नजर आने पर विशेषज्ञ के पास जाकर जांच और उपचार करवाएं।