कुरुक्षेत्र,अश्विनी वालिया:-सावन के चलते वीरवार को धर्मनगरी की सड़कों पर हरिद्वार से कावड़ लाने वाले शिव भक्तों की खूब भीड़ रही। नगर में चारों ओर बम भोले के उदघोषों व भजनों की गूंज रही। उल्लेखनीय है कि सावन शिवरात्रि का पर्व 2 अगस्त को है तो शिव भक्त अपने गृह नगरों, कस्बों व गांवों की ओर तेजी से बढ़ रहे थे। सावन का महीना कांवड़ियों के लिए बहुत खास होता है क्योंकि सावन शिवरात्रि के दिन कावड़ यात्री भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
ऐसे में सावन में शुरू हुई कावड़ यात्रा शुक्रवार के दिन भगवान शिव जी के जलाभिषेक के साथ संपन्न हो जाएगी। ऐसे में अब कांवड़ यात्रा कर रहे कांवड़िये अपने घरों के पास पहुंच रहे हैं। हर वर्ष की भांति हरिद्वार से गंगा जल लेकर आ रहे कांवड़ियों की सेवा के लिए नगर में जगह जगह कांवड़ शिविर लगाए गए हैं। अब कांवड़ यात्रा कर रहे कांवड़िये अपने घरों के पास बने मंदिर में आ रहे हैं, तो उनके परिजन उनसे मिलने मंदिर में ही पहुंच रहे हैं। कांवड़ यात्रा कर रहे कांवड़िये तब तक अपने घर नहीं जाते। जब तक शिवलिंग का जलाभिषेक न कर दें। सावन शिवरात्रि पर श्री मारकंडेश्वर में आज जलाभिषेक करेंगे कांवड़ यात्री सावन शिवरात्रि पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में जलाभिषेक करने का विशेष अवसर होता है।
अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जन सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि इस बार हरिद्वार से स्वामी पृथ्वी पुरी व अन्य संत गंगा जल लेकर आ रहे हैं। जिनके स्वागत की भी विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि सावन शिवरात्रि पर श्री मारकंडेश्वर में जलाभिषेक के लिए अलग अलग पहर में व्यवस्था की गई है। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि शिव भक्तों के लिए सावन शिवरात्रि बहुत बड़ा दिन है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।