ऊना,ज्योति स्याल:-पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के साफ्टवेयर इंजीनियरस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)के मौजूदा दौर में स्वयं को किस प्रकार से एआई जाबस के लिए तैयार कर सकते है। इसके लिए मूलत:ऊना जिला के युवा व विश्व की नामी कंपनी एमेजान में कार्यरत,आईआईटी मुबंई से बीटेक मकैनिकल इंजीनियर अंशुल सांभर ने मशीन लर्निंग रोडमैप तैयार किया है। अंशुल धीमान ने इसे अपने यू-टयूब चैनल पर भी अपलोड किया है। अंशुल की इस पोडकास्ट को 82 हजार से अधिक व्यूज मिल चुके है,जबकि हजारो लोगों ने इसे लाईक भी किया है। ऊना निवासी अंशुल सांभर के पोडकास्ट से प्रेरित होकर देश भर से युवा उसे संपर्क कर रहे है तथा एआई बूम के चलते न्यू एमर्जिंग जाब फील्ड के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे
है। आईआईटी मुंबई के एल्युमनी अंशुल संाभर ने हिमाचल प्रदेश व देश के छोटे शहरों से साफ्टवेयर इंजीनियरिंग में कैरियर खोज रहे असंख्य युवाओं की मदद के लिए मशीन लर्निंग रोडमैप तैयार किया है। इसमें युवाओं को गाईड किया गया है कि वह एआई के मौजूदा दौर में किस प्रकार से स्वयं को स्किल कर सकते है,जिससे वह एआई बूम के दौर में जाब मार्किट मेंं कंपीट कर पाए। इससे असंख्य युवाओं को साफ्टवेयर इंजीनियरिंग रूट के साथ-साथ नए उभरते जाब फील्ड में स्वयं को ढालने का मार्गदर्शन मिल पा रहा है। मूलत: ऊना जिला से संबधित अंशुल सांभर एक होनहार युवा प्रोफेशनल है। ऊना के रोटरी गली का निवासी अंशुल सांभर बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है। उसे दसवीं व जमा एक कक्षाओं में एनटीएसई व
केवीपीवाई छात्रवृति प्राप्त हुई,वहीं उसने चंडीगढ़ के श्रीगुरू गोबिंद सिंह सीनीयर सकैंडरी स्कूल से जमा दो कक्षा 95.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर उतीर्ण की। इसके बाद जेईई एडवांस टेस्ट में देश भर में 436वां स्थान अर्जित कर सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए। अंशुल ने आईआईटी मुंबई से 9.23 टाप ग्रेड से बीटेक मकेनिकल की डिग्री हासिल करने के उपरांत बार्कलेज मुंबई में 18 माह तक रिस्क एनेलिस्ट के रूप में कार्य किया। वहीं पिछले अढाई वर्ष से बेंगलूरू में एमेजान में रिसर्च साईंटिस्ट के रूप में कार्य कर रहे है।