ऊना ,ज्योति स्याल:- वीरेन्द्र कंवर ने स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा हेतु उपायुक्त ऊना को सौंपा ज्ञापन
कुटलैहड़ में पर्यटन विकास की आड़ में स्थानीय लोगों के हितों का न हो हनन- वीरेन्द्र कंवर कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित पर्यटन विकास की योजना को लेकर पूर्व मंत्री एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष वीरेंद्र कंवर ने शुक्रवार को डीसी ऊना जतिन लाल से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ ग्राम पंचायत रायपुर के अंदरौली में प्रस्तावित साइट पर कई सालों से खेती कर रहे परिवारों के लोग भी मौजूद रहे। पूर्व मंत्री ने कहा कि पर्यटन विकास विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी जरूरत है लेकिन इस जरूरत की आड़ में स्थानीय लोगों के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस साइट को पर्यटन विकास की दृष्टि से निजी फर्म को देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। लेकिन इसी जगह पर करीब डेढ़ सौ से ज्यादा ऐसे परिवार हैं जो भूमि पर मलिकाना हक न होने के बावजूद वर्ष 1970 के एक आदेश के मुताबिक खेती करके अपना गुजर बसर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहीं पर उनके पशुओं को भी चारागाह की सुविधा मिलती है। जबकि इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए वह अपना छोटा-मोटा व्यवसाय चलाकर परिवार को भी पालते हैं। ऐसे में यदि पूरी भूमि निजी एंटरप्रेन्योर को दे दी जाएगी तो फिर इन लोगों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इन लोगों की कृषि योग्य भूमि को इस योजना से बाहर रखा जाना चाहिए, जहां पर यह लोग खेती कारोबार चलाते हैं या फिर पशुओं के लिए चारा जुटाते हैं। उन्होंने कहा कि यह लोग पर्यटन क्षेत्र होने के चलते अपनी रेहड़ी-फड़ी लगाकर हल्का-फुल्का कारोबार भी चला रहे हैं। ऐसे में पर्यटन विकास के नाम पर इन लोगों की रोजी-रोटी बंद नहीं होनी चाहिए और इन लोगो को इसी स्थान और सोसाइटी के माध्यम से दुकानों का निर्माण करवाकर दिया जाए ताकि इनके परिवारों का पालन पोषण हो सके।
उपायुक्त से मुलाकात के दौरान उन्होंने इस क्षेत्र में पर्यटकों द्वारा फैलाए जाने वाले कचरे का मसला भी उठाया और कहा कि इस क्षेत्र में बनी चरागाह पर अक्सर पॉलिथीन जैसी चीजें खाकर दुधारू पशुओं की मौत हो रही है। इस पर भी अंकुश लगाने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए।