धर्मशाला राकेश कुमार :-धर्मशाला में सुक्खू सरकार के खिलाफ गरजी भाजपा, 22 गांवों को टीसीपी में शामिल करने पर हल्ला बोलविधायक सुधीर शर्मा के आह्वान पर जुटे सैकड़ों भाजपाई, आमजन ने भी दिया साथ एडीएम के जरिए सरकार को भेजा ज्ञापन, सुधीर शर्मा का बयान, जनता के हितों से खिलवाड़ सहन नहीं धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने कहा, गांवों का 17 सौ हेक्टेयर टीसीपी में लाना बेतुका फैसला
धर्मशाला के ग्रामीण एरिया को टीसीपी में शामिल करने पर धर्मशाला में का गुस्सा सातवें आसमां पर है। धर्मशाला से भाजपा विधायक व दिग्गज भाजपा नेता सुधीर शर्मा के आह्वान पर शुक्रवार को समस्त भाजपा के साथ आमजन सडक़ों पर उतर आया। सैकड़ों लोगों ने डीसी आफिस पहुंचकर 22 गांवों को टीसीपी में शामिल करने का विरोध किया। इस दौरान एडीएम के जरिए प्रदेश सरकार केा ज्ञापन भी भेजा गया। मंडल भाजपा के नेताओं ने सरकार से मांग रखी कि इस फैसले को वापस लिया जाए। भाजपा नेताओं ने प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू के इस फैसले को जनविरोधी करार दिया है। भाजपा नेताओं और लोगों ने कहा कि टीसीपी में 22 गाँव के 1700 हेक्टेयर शामिल करके कांग्रेस सरकार ने जनता से धोखा किया है। लोगों ने कहा कि नक्शे पास करवाना कठिन होंगे। बिना विजन के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने धर्मशाला हलके की जनता को तंग करने के लिए यह फैसला लिया है, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। दूसरी ओर सुधीर शर्मा ने अपने बयान में कहा कि पूरे हलके से हजारों लोग इसपर आपत्ति दर्ज कर चुके हैं। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर लिए गए इस फैसले से किसान, गरीब और मजदूरों में मायूसी है। सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो आने वाले दिनों में जोरदार संघर्ष होगा। इसके लिए धर्मशाला की जनता सडक़ों में उतरकर उग्र आंदोलन करेगी।
विधायक व भाजपा नेता सुधीर शर्मा ने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खू सरकार बनी है, तब से वह गाँव, किसान, गरीब और मजदूर विरोधी फैसले ले रही है। खासकर धर्मशाला के विकास को रोकने और जनता को परेशान करने के लिये आये दिन जनता विरोधी फैसले सरकार ले रही है, जिसका आम जनता में रोष है। सुधीर शर्मा ने कहा कि घनियारा खास, सौकणी दा कोट, ढगवार, सुकड़, शीला-भटेहड़, पासू-पंतेहड़, मनेड और चेतडू पंचायतों के 22 नये ग्रामीण एरिया शामिल है। इन इलाकों के लोगों को नक्शे पास करवाना कठिन होंगे। उन्होंने कहा कि इन पंचायतों का 1700 से अधिक हेक्टेयर एरिया आता है, सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए।