जवाली से राजेश कतनौरिया कि रिपोट :- झील किनारे खेती बन्द करवाने को दर्जनभर पंचायतों का प्रतिनिधमंडल कृषि मंत्री चन्द्र कुमार से मिला।
विधानसभा क्षेत्र जवाली के अधीन पड़ते क्षेत्र की पंचायत चलवाड़ा, फारियां, ढन, चलवाड़ा-दो, समकेहड़, बट, पपाहन, हरसर, पनालथ, मतलाहड़ सहित दर्जनभर पंचायतों के प्रतिनिधि व लोग रविवार को कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार के निवास स्थान ढन में पहुंचे तथा डैम एरिया में साधन संपन्न परिवारों द्वारा की जा रही बीजाई को बन्द करवाने की बात कही। वाड़बन्दी सहित तारबंदी को हटाने की भी बात कही। पूर्व प्रधान कर्ण सिंह, पूर्व बीडीसी सुदेश कुमारी, प्यारे लाल, उत्तम चन्द, सुशील कुमार, सौरभ, सोम राज, मदन धीमान पूर्व प्रधान, संजय कुमार, मग्घर सिंह, बाछला देवी, निशा देवी, रीना देवी वार्ड सदस्य, नीलम कुमारी, सुमन कुमारी, अनिता कुमारी, सुलोचना देवी, उषा देवी, स्नेह लता ,कुशला देवी, माया देवी सहित करीबन 400-500 लोगों ने कहा कि झील किनारे खेती करने वाले चंदेक परिवार फसल में जहरीली दवाई डालकर पशुओं को मार देते हैं तथा कई पशुओं को तेजधार हथियार से वार करके लहूलुहान भी कर देते हैं।
बाड़ा बनाकर बेसहारा पशुओं को उसमें बन्द कर देते हैं तथा बे:-सहारा पशु बिना पानी-घास के तड़प-तड़प कर दम तोड़ देते हैं। खेती करने वाले लोग प्रवासी पक्षियों का भी दवाई डालकर या जाल लगाकर शिकार कर लेते हैं जबकि फसलों में डाले जाने वाले कीटनाशक झील के पानी में मिलकर पानी को जहरीला कर रहे हैं जिससे मछलियां मर जाती हैं। झील किनारे बीजाई बिल्कुल बन्द होनी चाहिए जिससे बेसहारा पशुओं को चारा मिलेगा तो किसानों की फसल भी तबाह होने से बच जाएगी। हमारे पालतू पशु भी झील किनारे घास चर लेते हैं। उन्होंने कहा कि कुछेक साधन संपन्न परिवार ही झील किनारे खेती करते हैं तथा झील किनारे जाने वाले रास्तों को बन्द कर देते हैं। सभी रास्ते बंद होने के कारण पशु चारा की तलाश में मलकीयती जमीनों में घुस जाते हैं और फसलों को उजाड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि जब झील किनारे खेती करना प्रतिबंधित है तो फिर खेती क्यों करवाई जा रही है। लोगों ने कहा कि अगर झील किनारे बीजाई करना बंद न हुआ तो समस्त लोग एकजुट होकर कोर्ट का रास्ता अपनाएंगे तथा आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पंचायतों में घुसने नहीं देंगे।