हिमाचल खबर :-आयोग्य घोषित विधायकों की पेंशन-भत्ते बंद विधानसभा में संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित, राज्यपाल की मंजूरी के बाद होगा लागु
हिमाचल में राज्य सरकार ने आयोग्य घोषित विधायकों के विधायकों को पेंशन और भत्ते रोकने का फैसला किया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भत्ते और पेंशन अधिनियम 1971 के संख्यांक आठ संशोधन विधेयक पारित हो गया है। सत्तापक्ष और विपक्ष की तकरार के बीच ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित किया गया। अब इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद विधेयक लागू हो जाएगा। इसका असर आयोग्य घोषित किए गए सभी विधायकों पर पड़ेगा।
सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा ने सरकार को गिराने की कोशिश की। जुलाई में पहला प्रयास हुआ और फिर माफी मांगी। बातचीत के बाद आगे बढऩे का फैसला किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए संशोधन विधेयक लाए हैं। उन्होंने कहा कि कुर्सी साथ नहीं जाएगी, लेकिन सिद्धांत हमेशा याद रहेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जो शेड्यूल-10 के साथ डिसक्वालिफाई होगा। उसके पेंशन और भत्ते बंद हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक राकेश जम्वाल ने विधेयक को भविष्य में लागू करने की बात कही है, लेकिन नियम अभी से बनने जरूरी हैं।
पहले कह रहे थे, भगवान नहीं बचा सकता
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अब नेता प्रतिपक्ष कह रहे हैं कि आयोग्य घोषित विधायकों को छोड़ दो, तो भगवान भला करेंगे, लेकिन इसी सदन में एक समय वह कह रहे थे कि सरकार को भगवान भी नहीं बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कदम उठाया गया है।